महज़ 25 साल की उम्र में हिमानी बुंदेला ‘कौन बनेगा करोड़पति’ सीज़न 13 की पहली करोड़पति बन गयी हैं. लेकिन डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर से जुड़े सात करोड़ रुपए के सवाल का जवाब हिमानी नहीं दे सकी, जिसके कारण वो 7 करोड़ के इनाम से चूक गई। उनकी कामयाबी की अहमियत इसलिए भी है कि वो देख नहीं सकतीं. हिमानी जब 15 साल की थीं तब उनकी आंखों की रोशनी एक दुर्घटना में चली गई. आर्थिक रूप से सामान्य परिवार ने हिमानी की आंखों के चार-चार ऑपरेशन का ख़र्चा उठाया, लेकिन आंखों की रोशनी नहीं लौटी। आगरा की रहने वालीं हिमानी बुंदेला दृष्टिहीन हैं। हालांकि, सात करोड़ रुपए के सवाल में हिमानी ने क्विट कर दिया। हिमानी बुंदेला के करोड़पति बनने वाले एपिसोड का 30 अगस्त को सोनी टीवी पर टेलीकास्ट हुआ। इसको लेकर हिमानी और उनका परिवार बहुत खुश है। लेकिन 7 करोड़ रूपये के सवाल पर हिमानी जवाब नहीं दे पाई । बिग बी अमिताभ बच्चन ने उन्हें काफी हिंट देने की कोशिश की लेकिन हिमानी जवाब नहीं दे पाई।
हिमानी बुंदेला से सात करोड़ रुपए का सवाल था- डॉ.बी.आर आंबेडकर द्वारा लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रस्तुत हुए थीसिस का शीर्षक क्या था जिसके लिए उन्हें 1923 में डॉक्टरेट की उपाधि दी गई थी ?
1.द वांट्स एंड मीन्स ऑफ इंडिया
2.द प्रॉब्लम ऑफ रूपी
3. नेशनल डिविडेंट ऑफ इंडिया
4. द लॉ ऑफ लॉयर
इस सवाल का सही जवाब था ‘द प्रॉब्लम ऑफ रूपी’।
1 अप्रैल 1935 को RBI की स्थापना की गई थी। भारतीय रिज़र्व बैंक बनाने की संकल्पना डॉ बी आर आंबेडकर ने की थी? जी हाँ, RBI की स्थापना डॉ आंबेडकर की किताब ‘द प्रॉब्लम ऑफ रुपी-इट्स ऑरिज़न एंड इट्स सॉल्यूशन’ के आधार पर ही की गई है। भारतीय रुपये और आर्थिक इतिहास पर लंदन स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स से पहली पीएचडी करने वाले डॉ आंबेडकर ने अपनी किताब में भारतीय रुपये के अवमूल्यन और समस्याओं के बारे में विस्तार से बताया है और साथ ही रुपये को संभालने के लिए बतौर अर्थशास्त्री उपाय भी सुझाए हैं।
1926 में अंग्रेज़ों ने रॉयल कमीशन जिसे हिल्टन कमीशन के नाम से भी जाना जाता है, को भारत भेजा क्योंकि पहले विश्वयुद्ध के बाद इंडियन करेंसी की बहुत बुरी हालत होती जा रही थी। डॉ. आंबेडकर हिल्टन कमीशन के सामने पेश हुए और अपनी किताब के आधार पर RBI जैसे बैंक की संकल्पना आयोग के सामने पेश की। बाद में हिल्टन कमीशन ने बाबा साहब के सुझावों के आधार पर RBI की स्थापना का प्रस्ताव दिया और इस तरह 1 अप्रैल 1935 को भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना हुई।