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अखिलेश यादव पर मायावती को क्यों आया गुस्सा !

अखिलेश यादव पर मायावती को क्यों आया गुस्सा !

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती एकबार समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हमलावर है. मायावती ने ट्वीट कर अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने बीजेपी और समाजवादी पार्टी पर आपस में मिलीभगत करने का आरोप लगाया. मायावती ने कहा, सपा मुखिया द्वारा जिन्ना को लेकर कल हरदोई में दिया गया बयान व उसेे लपक कर भाजपा की प्रतिक्रिया यह इन दोनों पार्टियों की अन्दरुनी मिलीभगत व इनकी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है ताकि यहाँ यूपी विधानसभा आमचुनाव में माहौल को किसी भी प्रकार से हिन्दू-मुस्लिम करके खराब किया जाए।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा की सपा व भाजपा की राजनीति एक-दूसरे के पोषक व पूरक रही है। इन दोनों पार्टियों की सोच जातिवादी व साम्प्रदायिक होने के कारण इनका आस्तित्व एक-दूसरे पर आधारित रहा है। इसी कारण सपा जब सत्ता में होती है तो भाजपा मजबूत होती है जबकि बीएसपी जब सत्ता में रहती है तो भाजपा कमजोर ।

दरअसल, अखिलेश यादव ने हरदोई की एक रैली में कहा था कि सरदार वल्लभभाई पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और (मोहम्मद अली) जिन्ना ने एक ही संस्थान से पढ़ाई की और बैरिस्टर बने और उन्होंने आजादी दिलाई.हालांकि, बीजेपी ने सपा अध्यक्ष को यह कहने के लिए फटकार लगाई है कि जिन्ना भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के नायक थे.

बीजेपी पर तीखे वार करते हुए अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि आज देश को जाति और धर्म के आधार पर बांटा जा रहा है। उन्‍होंने यह भी कहा कि वह लौह पुरुष सरदार पटेल ही थे, जिन्‍होंने देश को बांटने वाली सोच (RSS) पर प्रतिबंध लगाया था। सरदार पटेल का हवाला देते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ‘वह जमीन को पहचानते थे और जमीन को देखकर फैसले लेते थे। इसलिए उन्‍हें आयरनमैन भी कहा जाता है। लौह पुरुष सरदार पटेल ने एक विचारधारा पर पाबंदी लगाया था। लेकिन आज जो देश की बात कर रहे हैं, वह हमें और आपको जाति और धर्म में बांटने का काम कर रहे हैं।’

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