नव नालंदा महाविहार की स्थापना दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के तहत 19-20 नवंबर को महाविहार परिसर में ‘अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन 2021’ का आयोजन किया जायेगा। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईआईसीआर) ने बौद्ध शिक्षा एवं संस्कृति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्ति, संगठन या संस्थानों को सम्मानित करने के लिये ‘‘बौद्ध अध्ययन प्रोत्साहन पुरस्कार’ की स्थापना की है। आईसीसीआर के अध्यक्ष तथा राज्यसभा सांसद विनय सहस्रबुद्धे ने यह घोषणा की।
इस सम्मेलन में तिब्बत के अध्यात्मिक गुरू दलाई लामा या वहां की निर्वासित सरकार के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है ? इस सवाल पर आईसीसीआर के अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ जो भी बौद्ध विद्वान इसमें पंजीकरण करायेंगे, वे इसमें हिस्सा ले सकते हैं । ’’ उन्होंने कहा कि अभी ऐसा (आमंत्रित) नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह अकादमिक कार्यक्रम है और आमतौर पर इसमें राजनीतिक नेताओं को आमंत्रित नहीं किया जाता है।
आईसीसीआर के महानिदेशक दिनेश के पटनायक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन 2021’ का आयोजन पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसका आयोजन पर्यटन मंत्रालय से सहयोग से हो रहा है ताकि सांस्कृतिक एवं अकादमिक कार्यक्रमों के माध्यम से पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके । उन्होंने कहा कि इसकी तैयारी के तहत भारत में तेलंगाना, सारनाथ, गंगटोक और धर्मशाला तथा विदेश में जापान, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और कंबोडिया में सम्मेलन आयोजित किये जायेंगे ।
बौद्ध अध्ययन प्रोत्साहन पुरस्कार’ की स्थापना किये जाने का जिक्र करते हुए सहस्रबुद्धे ने कहा, ‘‘ अंतराष्ट्रीय स्तर पर बौद्ध शिक्षा को प्रोत्साहित करने वाले व्यक्तियों, संगठनों एवं संस्थानों को सम्मानित करने के लिये इस पुरस्कार का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार के तहत 20 हजार डालर, प्रशस्ति पत्र और सोने की परत वाला मेडल दिया जायेगा। आईसीसीआर के अध्यक्ष ने कहा कि अगर एक से अधिक पुरस्कार विजेता होंगे तब राशि को समान रूप से साझा किया जायेगा । उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को वैश्विक बौद्ध केंद्र एवं पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की सोच पर आधारित है।
सहस्रबुद्धे ने कहा कि आईसीसीआर विभिन्न संस्थाओं के साथ मिलकर दुबई एक्सपो का आयोजन करेगी ।