मध्य प्रदेश में आरएसएस का एजेंडा अब खुलकर सामने आने लगा है. दरअसल मध्यप्रदेश बीजेपी सरकार ने छात्रों को रामचरित मानस, रामायण और महाभारत का पाठ पढ़ाने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि बीए ,बी कॉम के छात्र छात्राएं पाठ्यक्रम में रामचरित मानस भी पढ़ेंगे। कुलपति का पदनाम बदल कर कुलगुरु करने के बाद बीजेपी आधुनिकता से पीछे हटकर मध्ययुग में जाने की कोशिश कर रही है. जिससे ग्लोबल कॉम्पिटिशन में बहुजन छात्र पीछे रह जायेंगे. वही सवर्ण विदेशों में पढाई करेंगे.
शिक्षा के हिंदूकरण के तहत उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स को रामसेतु के बारे में पढ़ाया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग ने अपने कोर्स में महाभारत, रामायण और रामचरि तमानस के कुछ हिस्सों को भी शामिल किया है।
दरअसल उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा है कि अगर देश की संपदा और सांस्कृतिक इतिहास के बारे में में स्टूडेंट नहीं जानेंगे तो कौन जानेगा। उन्होंने कहा कि अगर आरोप लग रहे हैं हम पर भगवा करण करने के तो हां हम भगवाकरण कर रहे हैं। हम देश की संस्कृति के बारे में स्टूडेंट को पढ़ा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि नई शिक्षा नीति सबके लिए बेहतर बनाई गई है। और इसके साथ ही हमने अगर संस्कृत को शामिल किया है, उर्दू को भी शामिल किया है।
वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस ने जमकर हमला बोला है। कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि कांग्रेस धर्म विरोधी नहीं है। लेकिन धर्म को शिक्षा के अंदर प्रवेश करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि धर्म अलग विषय और तकनीक अलग विषय है। दोनों का समावेश कर जनता को गुमराह करना चाहते हैं।
भोपाल मध्य विधानसभा के विधायक आरिफ मसूद महाविधायलयो में रामायण और महाभारत का ग्रथं पढ़ाने पर खुकलर विरोध किया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार महाविधायलयो में रामायण और महाभारत पढ़ा रही है तो इसके साथ साथ उन्हें कुरान भी पढ़ानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर राम सेतू में साइंस है तो कुरान में भी साइंस है। उच्च शिक्षा विभाग को एक नही सभी धर्मों के ग्रंथ कॉलेज में पढ़ाने चाहिए।