सोनी लिव पर धम्मम ये वेब सीरीज रिलीज़ हुई है. एंथोलॉजी विक्टिम की चार कहानियों में से एक का निर्देशन करने वाले निर्देशक पा रंजीत ने धम्मम पर चर्चा करते हुए कहा कि कथानक उनके जीवन में घटी घटनाओं से प्रेरित था।
अपनी वेब सीरीज के बारे में बोलते हुए, रंजीत ने कहा, “जब वेंकट प्रभु सर ने मुझे इस संकलन के लिए बुलाया, तो मैं डॉ. बाबासाहब आंबेडकर द्वारा लिखित बुद्ध और उनका धम्म यह किताब पढ़ रहा था. इस किताब ने मुझे धम्म पर एक कहानी लिखने के लिए प्रेरित किया।”
पा रंजीत की धम्मम में कलाइरासन और गुरु सोमसुंदरम मुख्य भूमिका में हैं। कहानी एक मध्यम आयु वर्ग के पिता और उसकी छोटी बेटी पर केंद्रित है, जो फसल के मौसम में अपनी भूमि पर फसल बोने में व्यस्त हैं। लेकिन उनके पास की एक जमीन के मालिक के साथ रास्ते के विवाद के चलते उनकी तकरार हो जाती है तो पिता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। जातिगत अहंकार के कारण दलित के साथ दुर्व्यवहार होता है.
आज भी लोग अपनी जाति और सत्ता का घमंड में कितने मदमस्त है और दलितों के साथ किस तरह से नाइंसाफ़ी से पेश आते है. यह इस वेब सीरीज में दर्शाया गया है. पा रंजीत ने कहा की मेरे साथ भी बचपन में इसी तरह की घटना हुई थी. इस एंथोलॉजी थ्रिलर के बारे में आगे बताते हुए पा. रंजीत कहते है
“जब मैं उस रास्ते से अपने स्कूल जाता था, तो मैं हमेशा अपने स्कूल तक बिना दलदल में उतरे और अपनी चप्पलें गंदी किये बिना पहुँचना चाहता था लेकिन जातिवादियों के अहंकार के कारण अक्सर उन्हें उस रास्ते से खदेड़ दिया जाता था.
इसके बारे में सोचकर अब मुझे ऐसा लगा कि इसके पीछे एक थ्रिलर कहानी है और इसी तरह धम्मम अस्तित्व में आया।
बौद्ध कथाओं की तरह, धम्मम एक ऐसी कहानी है जो हिंसा को एक समाधान के रूप में नहीं बल्कि आत्मरक्षा के एक उपकरण के रूप में उपयोग करता है, साथ ही यह भी उजागर करता है कि जब खून जातीयवादियों सिर पर चढ़ जाता है तो अंधे कैसे हो सकते हैं।
अंत में पा रंजीत ये मैसेज देते है “हिंसा से आप जीवन में बहुत कुछ हासिल नहीं कर सकते लेकिन धम्म से आप कर सकते हैं।”
सोनी लिव पर ये वेब सीरीज आ गई है. आप इसे जरूर देखें.