अंतरिम प्रधानमंत्री को लेकरनेपाल में पेंच बरकरार है. केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद देश की कमान किसके हाथ में होगी, अब तक फैसला नहीं हो पाया है. हालांकि ऐसा मन जा रहा है कि सुशीला कार्की अंतरिम प्रधानमंत्री की रेस में सबसे आगे हैं.
नेपाल : नेपाल में तख्तापलट के 60 घंटे हो गए. सड़क से संसद तक नेपाल ने Gen-Z का आक्रोश देखा. इस आक्रोश में केपी शर्मा ओली की कुर्सी धधक गई. अब तक नेपाल को नया प्रधानमंत्री नहीं मिला है. आर्मी ने कमान संभाल ली है. अपितु देश अब भी कमोबेश सुलग रहा है मगर सत्ता का संकट अब भी बरकरार है. नेपाल में आर्मी चीफ और राष्ट्रपति अंतरिम सरकार गठन करने की कवायद में जुटे हैं. मगर अंतरिम प्रधानमंत्री कौन होगा, इस पर अब तक सहमति नहीं बन पाई है. केपी ओली के इस्तीफे के 60 घंटे बाद भी केवल असमंजस्य की परिस्थिति बानी हुई है। प्रधानमंत्री के लिए सुशीला कार्की , कुलमन घिसिंग और काठमांडू मेयर बालेन शाह के नाम चर्चा में है. पर अब तक किसी भी नाम पर सम्मति नहीं बन पायी है। उम्मीद की जा रही है कि नेपाल के प्रधानमंत्री का चुनाव जल्द हो जायेगा.
Gen-Z के नेतृत्व वाले युवा प्रदर्शनकारियों ने पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए अपना समर्थन दिया है. मगर एक बड़ा वर्ग अब भी इसे लेकर सहमत नहीं है. Gen-Z प्रदर्शनकारियों के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने की प्रक्रिया अटक गई है. देश में अब भी कानून-व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी आर्मी पर ही है.

तीन नाम… पर पेंच बरकरार
नेपाल में अंतरिम पीएम के लिए ये तीन नाम जेन-जी की तरफ से ही आए हैं. नेपाल में नई सरकार के लिए Gen-Z ने सर्वे और मीटिंग की है. जेन जी की ऑनलाइन सर्वे और मीटिंग्स में नाम बदलते रहे हैं. सबसे पहले काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह यानी बालेन शाह का नाम सामने आया. वह युवाओं में बेहद लोकप्रिय हैं और ठीक छवि के हैं. मगर कहा गया कि खुद बालेन शाह ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया. सूत्रों का कहना है कि वह नेपाल के पीएम पद पर चुनाव जीत कर बैठना चाहते हैं. इसके बाद सुशीला कार्की का नाम सामने आया. नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस रहीं सुशीला कार्की का खुद बालेन शाह ने समर्थन किया है. पहले तो खुद सुशीला कार्की तैयार नहीं थीं, मगर आर्मी चीफ ने उन्हें 15 घंटे तक मनाया, तब जाकर वह मानीं. मगर बाद में खुद जेनजी का एक वर्ग उनकी उम्र को लेकर सहमत नहीं दिखा. कुछ प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वह Gen-Z का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकतीं, क्योंकि उनकी उम्र करीब 70 पार है.

कैसे बदल रहे खेल
इसके बाद खबर आई कि खुद सुशीला कार्की ने अंतरिम पीएम की रेस से अपना नाम वापस ले लिया है. तब जेन-जी ने कुलमन घिसिंग का नाम आगे बढ़ाया. मगर आर्मी चीफ और राष्ट्रपति के साथ बैठक में एक बार फिर सुशीला कार्की का नाम आगे निकल गया. आम सहमति नहीं बन पाई. माना जा रहा है कि आज यानी शुक्रवार को एक बार फिर आम सहमति बनाने के लिए एक अहम बैठक होगी. जिसमे तय होगा कि सुशीला कार्की नेपाल की अंतरिम पीएम बनेंगी या कोई और नेपाल की कमान संभालेगा. इसके अलावा, कुछ लोग नेपाल के राजा ज्ञानेन्द्र शाह के पोते हरेंद्र सिंह का नाम भी उछाल रहे हैं.
मगर मन जा रहा है की सुशीला कार्की को नेपाल की कार्यवाहक सरकार का प्रमुख नियुक्त किए जाने की संभावना है. जो आंदोलनकारी समूह की मांगों को पूरा करते हुए देश में नए सिरे से चुनाव कराएंगी.
नेपाल में क्या हैं हालात?
इस बीच लोगों को राहत देने के लिए सुबह सात बजे से सुबह 11 बजे तक कर्फ्यू में चार घंटे की ढील दी गई है. इसके बाद शाम पांच बजे तक प्रतिबंधात्मक आदेश लागू रहेंगे. कर्फ्यू में दो घंटे की ढील दी जाएगी इसके बाद शाम सात बजे से अगली सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा.