बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने पार्टी नेताओं तथा पदाधिकारियों से किसान आंदोलन का समर्थन जारी रखने के निर्देश दिए है. मायावती ने केंद्र सरकार के तीन नए विवादस्पद कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहें किसानों के विरुद्ध हरयाणा में हुई कार्रवाई की निंदा की। मायावती ने लखनऊ में पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा की केंद्र सरकार के अड़ियल रवैये के कारण ही भारतीय जनता पार्टी शासित सरकारें भी किसानों को एक प्रकार से अपना प्रतिरोधी ही मानकर व्यवहार करने लगी है। उन्होंने कहा की इस मामले में खासकर हरियाणा सरकार का रवैया लगातार घोर किसान विरोधी बना हुआ है। तथा अब आंदोलित किसानों के सर ‘सिर फोड़ने’ के सरकारी आदेश को भी सही ठहराने का प्रयास किया जा रहा है. मध्यप्रदेश के आदिवासी युवा के साथ हुए घटना की भी उन्होंने निंदा की ,
बसपा अध्यक्ष ने कहा भाजपा की इसी प्रकार की जनविरोधी और किसान विरोधी कार्यशैली से उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में जनता का हाल बेहाल हो रहा है। गौरतलब है की इन दोनों इस मामले एक वीडियो सामने आया, जिसमें करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा किसानों का सिर फोड़ देने की बात कह रहे हैं। उन्होने पुलिसकर्मियों को किसानों पर हमला करने का आर्डर दिया था। ये वीडियो वायरल होने के बाद से करनाल एसडीएम की जमकर आलोचना हो रही है।
मायावती ने कहा की बसपा आंदोलित किसानों के साथ उनकी जायज मांगों के समर्थन में हमेशा खड़ी रही है. तथा संसद के भीतर और बाहर भी इनके पक्ष में अपनी आवाज लगातार बुलंद करती रही है. उन्होंने कहा की बसपा कार्यकर्ता पार्टी के कड़े अनुशासन के तहत किसानों के आंदोलन का समर्थन जारी रखें। उन्होंने कहा की आंदोलित किसानों ने अब उत्तर प्रदेश में भी अपनी सक्रियता और बढ़ाने की घोषणा की है. जिसके कारण बीजेपी सरकार से भी आग्रह है की किसानों के खिलाफ बर्बरतापूर्ण व्यवहार न करें तो बेहतर होंगा। मायावती ने कहा की केंद्र सरकार को अपना अड़ियल रवैया त्याग कर इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए किसानों के मान सन्मान के खातिर व्यापक देशहित में कृषि कानूनों को तुरंत वापस ले लेना चाहिए।