नरेंद्र मोदी की तो पढ़ाई-लिखाई नहीं हो पाई, वरना BJP बड़े नेताओं को ईसाई मिशनरियों ने पढ़ाया है। ईसाई मिशनरियों को सोचना चाहिए कि उन्होंने भारत को क्या दिया।
आडवाणी – सेंट पैट्रिक्स
जेटली – जेवियर्स
पीयूष गोयल – डॉन बॉस्को
नड्डा – जेवियर्स
वसुंधरा राजे – प्रेजेंटेशन कॉन्वेंट
जयशंकर – सेंट स्टीफ़न्स
स्मृति ईरानी – होली चाइल्ड ऑक्जेलियम…
बहुत लंबी लिस्ट है। और अभी के नेताओं के मिशन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को जोड़ दें तब तो पूरी किताब बन जाएगी।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के पापा वेद प्रकाश गोयल वाजपेयी शासन में केंद्रीय मंत्री थे। RSS के बड़े नेता थे। लेकिन पीयूष को पढ़ने भेजा डॉन बॉस्को स्कूल। बीजेपी के समर्थक इस बीच सरस्वती शिशु मंदिर में बिजी रहे, उधर पीयूष को ईसाई टीचर्स ने आदमी बना दिया। भक्त पीछे रह गए।
पीयूष गोयल को सारी ईसाई प्रार्थना याद है। मुंबई में एक समारोह में गाकर सुनाई थी। ज़ाहिर है कि प्रैक्टिस घर पर भी कराई गई होगी। पापा ने याद कराई होगी। उधर भक्तों के बच्चे दंगा करने की ट्रेनिंग ले रहे थे। यही बात समझने की है।