पंजाब में दलित नेता को मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है.चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब में दलित वर्ग से पहले CM बनें. कांग्रेस के इस दांव से सभी पार्टियों अपनी रणनीति पर फिर से सोचना होगा. लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव CM चरणजीत सिंह चन्नी नहीं तो प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में लड़ा जाएगा इस तरह का बयान पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने दिया था. जिसपर राजनीती काफी गरमाई थी.बसपा अध्यक्ष मायावती समेत विपक्ष के कड़े तेवरों के बाद कांग्रेस अब बैकफूट पर आ गई है.
हरीश रावत के बयान पर सफाई देते हुए सुरजेवाला ने साफ कर दिया है कि चरणजीत सिंह चन्नी ही अगले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में किसी से भेदभाव नहीं किया जाता और सभी के लिए पार्टी के दरवाजे खुले हैं। बसपा अध्यक्ष मायावती को चुनौती दी है कि वह शिरोमणि अकाली दल बादल के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं और ऐलान करें कि उनका मुख्यमंत्री भी दलित होगा.
सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भी चुनौती देते हुए कहा है कि वह भी दर्जन भर प्रदेशों में खुद और गठजोड़ में सरकार चला रहे हैं, क्या वह भी वहां पर दलित नेता को मुख्यमंत्री बनाएंगे। सुरजेवाला ने कहा है कि यह कांग्रेस ही है, जिसने सबसे पहले दलित राष्ट्रपति, विधानसभा स्पीकर और अब देश का पहला दलित मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को लगाया है। पार्टी के नेता राहुल गांधी शुरू से कहते आए हैं कि उनकी पार्टी में सभी के लिए दरवाजे खुले हैं। इससे साफ हो गया है कि उनकी पार्टी किसी से भेदभाव नहीं करती है। उन्होंने मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी द्वारा शपथ लेने के बाद लिए फैसलों की भी चर्चा करते हुए सराहना की है। उन्होंने कहा चन्नी ने गरीब व पिछड़े वर्ग के लिए अहम फैसले लिए हैं