बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा शासनकाल में भी जंगलराज की अराजकता जारी है और ये पिछले समाजवादी पार्टी (सपा) के शासनकाल से कुछ भी कम नहीं है. मायावती ने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख चुनाव में भाजपा पर धनबल, बाहुबल व सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए इसे जनतंत्र को शर्मशार करने वाला करार दिया.
उन्होंने कहा कि सत्ता को जैसे-तैसे तथा किसी भी कीमत पर हथियाने की भूख और इसी दौरान ‘सैयां भये कोतवाल अब भय काहे का’ की कहावत को चरितार्थ करते हुए उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के दौरान धनबल, बाहुबल तथा पुलिस एवं सरकारी मशीनरी का घोर दुरुपयोग हुआ. साथ ही कहा कि पंचायत चुनाव में इसके साथ-साथ व्यापक धांधली, अपहरण, हत्या व महिलाओं के साथ अभद्रता आदि की घटनायें घटित हुई हैं जो लोकतांत्रिक सोच व व्यवस्थाओं को आघात पहुंचाती हैं, उन्हें शर्मसार करती हैं. उन्होंने कहा कि इन सबके बावजूद सरकार द्वारा जीत का दावा व जश्न आहत जनता के ज़ख्म पर नमक छिड़कने जैसा नहीं है तो फिर यह और क्या है ?
मायावती ने कहा कि वैसे तो उप्र में पिछले कई वर्षों के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब ही रही है व पंचायत चुनाव के दौरान भी दबंगई, अपहरण, अराजकता का माहौल आदि स्वाभाविक ही था. उन्होंने कहा कि इसीलिए सरकार की नीति व नीयत को भांपकर ही बसपा ने पहले जिला पंचायत अध्यक्ष और फिर व ब्लाक प्रमुखों के अप्रत्यक्ष चुनाव को नहीं लड़ने का ही फैसला उचित समझा, जो बाद के चुनावी घटनाक्रमों के मद्देनजर बिल्कुल सही फैसला साबित हुआ है.
मायावती ने ट्वीट में एक प्रेस विज्ञप्ति शेयर कर कहा कि ऐसी ही वजहों से बसपा ने साल 1995 में सपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. ऐसी ही स्थिति भाजपा शासनकाल में भी जारी है. उन्होंने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था साल के 365 दिन खराब रहती है. गरीबों, दलितों, मुस्लिमों और समाज के पिछले वर्गों के खिलाफ द्वेषपूर्ण कार्रवाई योगी सरकार में आम बात है.
बसपा प्रमुख ने कहा कि यूपी में सपा और भाजपा सरकार से आहत लोग अब अपने अच्छे दिनों के लिए बेसब्री से आगामी विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रहे हैं.