नेशनल लॉ स्कूल यूनिवर्सिटी में OBC को आरक्षण से वंचित रखा जा रहा है. केंद्र सरकार द्वारा संचालित 23 नेशनल लॉ स्कूलों में संविधान के नियमों का सर्रास उल्लंघन हो रहा है। यहां मनमानी तरीके से उच्च वर्ग को ही अघोषित आरक्षण मिल रहा है.
देश के 23 में से 18 नेशनल लॉ स्कूलों में ऑल इंडिया कोटा के तहत OBC को मिलने वाला रिज़र्वेशन नहीं दिया जा रहा है। इसके साथ ही 9 लॉ स्कूलों में SC/ST को भी रिज़र्वेशन नहीं मिल रहा है।
सरकार द्वारा लॉ स्कूलों में OBC और SC/ST को रिज़र्वेशन ना देने के फैसले से सवर्णों को फायदा मिल रहा है। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने लिखा, इन स्कूलों में हर साल हज़ारों सीटों की चोरी करके सवर्णों को दी जा रहीं हैं, और SC/ST/OBC के संवैधानिक हकों से उनको वंचित किया जा रहा है।
प्रो.दिलीप मंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए लिखा, 18 नेशनल लॉ स्कूल यूनिवर्सिटी में ओबीसी को ऑल इंडिया कोटा में रिज़र्वेशन ना मिलना, तालीबान या BJP द्वारा तिरंगे के अपमान से कई गुना बड़ा मुद्दा है। हर साल हज़ारों सीटें चोरी करके सवर्णों को दी जा रहीं हैं। 9 जगह तो SC-ST कोटा भी नहीं है। इसी साल इसे लागू करवाना चाहिए। साथ में इन सभी स्कूलों की लीस्ट भी उन्होंने जारी की है।
बता दें कि ये सभी लॉ स्कूल सरकारी हैं और सरकार के पैसे से चलते हैं। ऐसे में सरकार दायित्व दलित-पिछड़ों को हक देने का है, लेकिन सरकार सवर्णों के प्रति अपनी वफादारी दिखा रही है. सरकार ये रवैया सिर्फ संवैधानिक आरक्षण का उल्लंघन नहीं बल्कि बहुजन समाज के बच्चों को बेहतर वकील बनने से रोकने की साज़िश भी है।
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