अफगानिस्तान में तालिबान ने लगभग कब्जा कर लिया है. जल्द ही तालिबान अपने शर्तों पर शासन करेंगा. इस बीच तालिबान ने श्रीलंका को आश्वासन दिया है कि उनके नेतृत्व वाली सरकार में अफगानिस्तान में मौजूद बौद्ध स्थलों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा.
‘डेली मिरर’ के मुताबिक तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि तालिबान का लिट्टे यानि लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम से किसी तरह का कोई संबंध नहीं था. हम एक स्वतंत्र बल हैं और हम पिछले 20 वर्षों से अपने देश अफगानिस्तान को विदेशी सुरक्षा बलों से मुक्त कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.दोहा से डेली मिरर से बात करते हुए शाहीन ने कहा कि तालिबान ने अफगानिस्तान के अधिकांश प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया है।
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दुनिया की सबसे ऊंची बुद्ध प्रतिमा, जो अफगानिस्तान की बामियान घाटी में स्थित थी, मार्च, 2001 में तालिबान द्वारा नष्ट कर दी गई थी. श्रीलंका उन देशों में शामिल था, जिन्होंने प्राचीन बलुआ पत्थर की नक्काशी के विनाश की निंदा की थी. अब जब एक बार फिर से अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने की पूरी संभावना है तो फिर से बौद्ध स्थलों के लिए खतरा पैदा हो गया है. जिसके कारण दुनिया के सभी बौद्ध राष्ट्र चिंतित है।
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हालांकि, शाहीन ने जोर देकर कहा कि तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार में अफगानिस्तान में मौजूद विश्व प्रसिद्ध और दूसरे किसी भी बौद्ध स्थलों को खतरा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में मौजूद किसी भी बौद्ध स्थल को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा. तालिबान अपने इस बयान पर कितना कायम रहता है ये आनेवाला वक्त ही बतायेंगा।
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