बसपा (BSP) से निलंबित पांच विधायकों ने बीते दिन सपा अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद यूपी की सियासत फिर गरमा गई है.बसपा अध्यक्ष मायावती ने सपा पर बड़ा हमला किया है.उन्होंने कहा है कि बीएसपी के कुछ विधायक टूट कर सपा में जा रहे हैं यह कहना घोर छलावा है. इसके अलावा उन्होंने इसे समाजवादी पार्टी की घृणित राजनीति करार दिया है.
मायावती ने कहा है कि, अगर समाजवादी पार्टी में अगर इन निलम्बित विधायकों के प्रति जरा भी ईमानदार होती तो अब तक उन्हें अधर में नहीं रखा जाता. मायावती ने कहा कि इन विधायकों को सपा इसलिए नहीं ले रही है क्योंकि इनके जाने से सपा में फूट बढ़ेगी. वहीं, उन्होंने यह भी जाहिर किया कि ये विधायक वापस बसपा में आने के लिए आतुर हैं. उन्होंने कहा कि, यूपी में बीएसपी जन आकांक्षाओं की पार्टी बनकर उभरी है. और यह आगे भी जारी रहेगा.
मायावती ने ट्वीट के माध्यम से अखिलेश यादव पर निशाना साधा, मायावती ने कहा, ”जगज़ाहिर तौर पर सपा चाल, चरित्र और चेहरा के मामले में दलित-विरोधी रही है. इसमें सुधार के लिए वह तैयार नहीं है. इसी कारण सपा सरकार में बीएसपी सरकार के जनहित के कामों को बंद किया और भदोई को नया संत रविदास नगर ज़िला बनाने को भी बदल डाला.’’
‘’वैसे बीएसपी के निलंबित विधायकों से मिलने का मीडिया में प्रचारित करने के लिए कल किया गया सपा का यह नया नाटक यूपी में पंचायत चुनाव के बाद अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख के चुनाव के लिए की गई पैंतरेबाजी ज़्यादा लगती है.” मायावती ने अपने ट्वीट में कहा है, ”जिन विधायकों के सपा में शामिल होने की बात कही जा रही है उन्हें काफ़ी पहले ही राज्यसभा के चुनाव में एक दलित के बेटे को हराने के के मामले में बीएसपी से निलंबित किया जा चुका है.’’