एनसीपी नेता छगन भुजबल के सत्य बयान का BJP ने विरोध शुरू कर दिया है. दरअसल सोमवार को छगन भुजबल ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा था कि स्कूलों में सरस्वती माता या शारदा माता की तस्वीरें लगाई जाती हैं, जिन्हें हमने कभी देखा नहीं और ना ही कुछ पढ़ाया. अगर पढ़ाया भी होगा तो सिर्फ 3 प्रतिशत लोगों को, उन्होंने कहा स्कूलों में डॉ.आंबेडकर, म.फुले समेत महापुरुषों की तस्वीर लगनी चाहिए, और उनके विचारों की ही पूजा होनी चाहिए.
भुजबल ने कहा, ‘सावित्रीबाई फुले, महात्मा ज्योतिबा फुले, डॉ. आंबेडकर, छत्रपति शाहू महाराज और कर्मवीर भाऊराव पाटिल की तस्वीरें सकूलों में लगाई जानी चाहिए क्योंकि इन हस्तियों की वजह से हमें शिक्षा और अधिकार मिले हैं. इसलिए इनकी पूजा कीजिये यह आपके देवता हैं. इनके विचारों की पूजा होनी चाहिए, सरस्वती माता की शारदा माता की तस्वीर जिन्हें हमने कभी देखा नहीं, जिन्होंने हमे कभी सिखाया नहीं, उनकी पूजा किसलिए करें.’ उन्होंने कहा कि माँ सरस्वती ने अगर पढ़ाया भी होगा तो सिर्फ 3 प्रतिशत आरएसएस के लोगों को ही शिक्षा दी होगी, हमें शिक्षा से दूर रखा। उन्होंने आगे कहा, “स्कूलों से माँ सरस्वती की तस्वीरें हटा देनी चाहिए। उनकी पूजा क्यों करनी है?
हिन्दू देवी देवताओं से इतनी नफरत क्यों
छगन भुजबल के इस बयान का बीजेपी नेता राम कदम ने विरोध किया है. राम कदम ने कहा कि हिन्दू देवी देवताओं से इतनी नफरत क्यों है? राम कदम ने कहा कि कांग्रेस नेता छगन भुजबल ने कहा कि स्कूलों से देवी देवताओं की तस्वीरें हटाई जाएं, उन्होंने कहा कि जब चुनाव आते हैं तो यही नेता हिंदू देवी-देवताओं के मंदिरों में मत्था टेकने का नाटक करते हैं और अब कह रहे हैं कि देवी देवताओं की तस्वीरों की कोई जरूरत नहीं, उन्हें हटा दिया जाए.
हिंदुत्व का नाम लेने वाली पेन्ग्विन सेना और उनके नेता जो राष्ट्रवादी दल के साथ अभी भी बैठे हैं, इन नेताओं को हम ये कहना चाहते हैं कि सभी महापुरुष हमारे लिए श्रद्धेय हैं, पर इस प्रकार से आप देवी-देवताओं का अपमान नहीं कर सकते हैं. राम कदम ने कहा कि एनसीपी नेता को हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए ये बयान वापस लेना होगा.