बहुजन समाज पार्टी इन दिनों उत्तर प्रदेश में काफी सक्रीय है. बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन काफी चर्चा का विषय बन गए है. सतीश चंद्र मिश्रा बसपा का ब्राह्मण फेस है. ब्राह्मण होने का कारण मीडिया उन्हें ही ज्यादा तवज्जू देती है. लगभग सभी मीडिया में उनके इंटरव्यू लिए. लेकिन बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर विगत 6 माह से प्रदेश के सभी जिल्हों का दौरा कर चुके है. उनके माध्यम से पिछड़े वर्ग तथा ओबीसी में बसपा अपना जनाधार स्थापित कर रही है. वो लगातार बिना रुके पार्टी के लिए जबरदस्त मेहनत कर रहें है. लेकिन मेनस्ट्रीम मीडिया उन्हें ज्यादा तवज्जु नहीं देता. संतकबीर नगर में बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर ने कहा कि प्रदेश की जनता बसप सरकार के सुशासन को याद कर रही है.
प्रदेश अध्यक्ष मेंहदावल के संस्कार मंडप में आयोजित पार्टी के एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। बसपा ने पिछड़ा वर्ग का सबसे पहले सांसद, विधायक बनाने का काम किया। पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के लिए सड़क से लेकर संसद तक पूर्व मुख्यमंत्री मायावती व कांशीराम ने लड़ाई लड़ी। पूर्ववर्ती बसपा सरकार में ही पहली बार पिछड़ा आयोग का गठन हुआ। उन्होंने कहा कि बहन मायावती के मुख्यमंत्री रहते हुए प्रदेश की कानून व्यवस्था बेहतर थी। महिलाओं, बेटियों के साथ अत्याचार सुनने को नहीं मिलता था। लेकिन वर्तमान समय में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। उन्होंने याद दिलाया कि बसपा के सरकार में सर्व समाज का भला होता था। जाति पूछकर कोई कार्य नहीं होता था।
प्रदेश अध्यक्ष ने सभी कार्यकर्ताओं को एकजुटता का मंत्र देते हुए एकसाथ काम करने को कहा। जिससे आगामी विधानसभा चुनाव में बसपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई जा सके। बसपा की सरकार बनने के बाद सूबे की जनता का भला होगा व प्रदेश में कानून का राज स्थापित होगा।
भीम राजभर के कारण पिछड़ा वर्ग भी बसपा के साथ तेजी से जुड़ रहा है. ब्राह्मण वोटों से ज्यादा ओबीसी तथा पिछड़े वर्ग के वोटर्स ज्यादा तेजी के साथ बसपा से जुड़ रहें है। यही बसपा का स्ट्रांग जनाधार है।