महज तेईस वर्ष की उम्र में 23 मार्च 1931 को भगत सिंह ( 28 सितम्बर 1907 – 23 मार्च 1931) को ब्रिटिश सरकार ने फांसी पर चढ़ा दिया. उनके साथ सुखदेव और राजगुरु को भी फांसी दी गई. ईवी रामासामी ‘पेरियार’ और डॉ. आंबेडकर ने अपने-अपने समाचार पत्रों में इस फांसी पर अपनी राय रखी.
भगत सिंह की फांसी के 6 छठें दिन 29 मार्च 1931 को पेरियार ने अपने समाचार-पत्र ‘कुदी अरासु’ में इस विषय पर ‘भगत सिंह’ शीर्षक से संपादकीय लेख लिखा. वही बाबासाहब डॉ आंबेडकर ने अपने अखबार ‘जनता’ में 13 अप्रैल 1931 को इन तीन युवाओं की शहादत पर ‘तीन बलिदान’ शीर्षक से संपादकीय लेख लिखा. पेरियार की पत्रिका तमिल भाषा में निकलती थी. जबकि ‘जनता’ डॉ. आंबेडकर के संपादन में निकलने वाला एक मराठी पाक्षिक पत्र था.
इस वीडियो के माध्यम से जानिए भगतसिंह के बारे मैं डॉ आंबेडकर और पेरियार के विचार क्या थे.