वर्धा में पुलिस विभाग की और से चलाया जानेवाला पेट्रोल पंप हटाने की मांग को लेकर लाखों लोग आंदोलन में सहभागी हुए. आंदोलनकर्ताओं ने स्वतंत्रता दिवस पर डॉ. बाबासाहब आंबेडकर चौक में धरना देकर अपने विशाल शक्ति का परिचय दिया. इस आंदोलन में बसपा, कांग्रेस, वंचित समेत कई दल, संघटना तथा कार्यकर्ता शामिल हुए. वर्धा के इतिहास में वर्तमान समय का यह सबसे बड़ा आंदोलन था.
आंदोलनकर्ताओं के अनुसार पुलिस विभाग ने गैरकानूनी तरीके से पेट्रोल पंप की अनुमति प्राप्त की. वर्धा के प्रसिद्ध डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर चौक पर पेट्रोल पंप का निर्माण कार्य चल रहा है. यह निर्माण कार्य तुरंत रोका जाये और पेट्रोल पंप के स्थान पर परिवर्तन किया जाये इसके लिए पुलिस प्रशासन के खिलाफ पेट्रोल पंप हटाओं कृति समिति द्वारा मोर्चा निकाला गया.
स्वतंत्रता दिवस पर इस मोर्चे की शुरुवात बजाज चौक से हुई. डॉ. बाबासाहब आंबेडकर चौक पर चार घंटे ठिय्या आंदोलन चलता रहा। मोर्चे में शामिल हजारों आंदोलनकारियों ने पेट्रोल पंप हटाने की घोषणा की. कृति समिति के पदाधिकारियों ने अपनी भावनाएं व्यक्त की और अन्य लोगों ने पुलिस विभाग-जिला प्रशासन और राज्य प्रशासन के प्रति निषेध व्यक्त किया. इस मोर्चे की विशेषता यह थी की इस मोर्चे में समाज के सभी वर्ग के लोग शामिल हुए.
डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का स्टेचू यहांपर विगत कई सालों से स्थापित है. इस ओपन ग्राउंड में डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर जयंती-बुद्ध पहाट जैसे प्रोग्रॅम का आयोजन होता है. लोगों को यह चिंता है की अगर यहां पेट्रोल पंप स्थापित हुआ तो हमारे मूवमेंट के प्रोग्रॅम कैसे सेलिब्रेट कैसे कर सकते है।
आंदोलन में कोई अनुचित घटना ना हो इसलिए पुलिस प्रशासन सतर्क था.
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