बिहार के पीरपैंती से भाजपा विधायक ललन पासवान का धार्मिक मान्यता पर एक डिजिटल चैनल पर मनुवाद पर आधारित हिंदू धर्म की बेतुके मान्यताओं पर सवाल खड़े किये है । इसका वीडियाे वायरल हाे रहा है। इसमें उन्हाेंने कहा है कि सबकुछ मानने पर है। लेकिन जब मान्यता काे छाेड़कर उसे तर्क की कसाैटी से जाेड़ेंगे, जब वैज्ञानिक-सामाजिक साेच हाेगी ताे वे लाेग भी हमारे जैसे हाे जाएंगे।
वीडियाे में उन्हाेंने कहा है कि मान्यता है कि सरस्वती विद्या की देवी हाेती हैं। लेकिन मुस्लिम भाई सरस्वती की पूजा नहीं करते ताे क्या वे लाेग विद्वान नहीं हाेते हैं। आईएएस-आईपीएस नहीं हाेते हैं। मान्यता है कि लक्ष्मी धन की देवी है। दीपावली आ रही है, इसमें लक्ष्मी की पूजा हाेगी ताे धन मिलेगा। लेकिन इसे मुस्लिम नहीं मानते हैं। वे लाेग लक्ष्मी की पूजा नहीं करते हैं, ताे क्या वे लाेग अरबपति-खरबपति नहीं हाेते हैं।
इसी कड़ी में विधायक कहते हैं कि ऐसी मान्यता है कि बजरंगबली ताकत के देवता हैं। लेकिन मुस्लिम व अन्य धर्म के लाेग बजरंगबली की पूजा नहीं करते हैं। अमेरिका में बजरंगबली का मंदिर नहीं है, वहां बजरंगबली की पूजा नहीं होती है तो क्या अमेरिका शक्तिशाली राष्ट्र नहीं है। सबकुछ मानने पर है, मानाे ताे देव, नहीं ताे पत्थर। जैसे-जैसे मानना छाेड़ देंगे, वैसे ही वह खत्म हाे जाएगा। इसलिए तर्क की शक्ति के आधार पर साेचना हाेगा। विधायक के इस वायरल वीडियाे में दिए गए बयान से विवाद भी बढ़ गया है।
पासवान का चैलेंज- दम है तो तर्क के साथ बात करें
विराेध करनेवाले को चैलेंज देते हुए पासवान जी ने कहा है की वे लाेग पहले भी उनके खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। इसलिए उनके विराेध का काेई मतलब नहीं है। अगर उनलाेगाें में दम है ताे तर्क के साथ बात करें। बिना किसी वजह का विराेध कर उनलाेगाें का मकसद केवल विवाद खड़ा करना है।
मां का मृत्यु भोज कराने से किया था इनकार
भाजपा विधायक ललन पासवान ने अपनी माता कुलेश्वरी देवी की मृत्यु के बाद होने वाले मृत्यु भोज का बहिष्कार किया था। विधायक पासवान ने इसे सामाजिक कुप्रथा बताते हुए भोज देने से इनकार किया। दैनिक भास्कर से बातचीत में विधायक ने बताया कि ये पूरा मामला मृत्यु भोज को लेकर है। मृत्यु भोज का बहिष्कार करने के कारण मेरा विरोध किया जा रहा है।
BJP के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने विधायक ललन पासवान को नास्तिक बताया है। उन्होंने कहा कि मैंने उनके इस बयान को अभी सुना नहीं है। लेकिन, अगर सच में उन्होंने मां लक्ष्मी, सरस्वती और हनुमान जी के बारे में ऐसा कहा है, तो ये बयान कोई नास्तिक व्यक्ति ही दे सकता है।
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