यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनितिक सरगर्मी तेज हुई है. इसी कड़ी में बसपा अध्यक्ष मायावती ने बीजेपी पर तीखा प्रहार किया है. रविवार को बसपा प्रमुख ने ट्वीट करके कहा,’ भाजपा का यह कहना कि ‘सबका साथ, सबका विकास व सबका विश्वास’ आदि को लोग जुमला न मानकर इस पर कैसे विश्वास करें जब देश के किसान 3 कृषि कानूनों की वापसी को लेकर लम्बे समय से तीव्र आन्दोलित एवं आक्रोशित भी हैं.’
मायावती ने आगे ट्वीट में लिखा, केन्द्र सरकार ने तीन साल में पहली बार उत्पाद कर थोड़ा घटाकर लोगों को इस बार दिवाली पर कुछ राहत का तोहफा दिया है. उसी प्रकार दिवाली के बाद ही सही यदि तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेकर केन्द्र सरकार देश के किसानों को भी दिवाली का तोहफा दे देती है तो यह बेहतर ही होगा.
मायावती ने रविवार को एक के बाद एक लगातार कई ट्वीट किए जिसके माध्यम से उन्होंने सपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीएसपी व अन्य पार्टियों के भी निष्कासित किए गए लोगों को सपा में शामिल किए जाने से इस पार्टी का कुनबा या जनाधार बढ़ने वाला नहीं है। बल्कि इससे यह और भी घटता, कमजोर होता हुआ चला जाएगा।
जबकि सपा को यह मालूम होना चाहिए कि ऐसे स्वार्थी दलबदलू किस्म के लोगों को लेने से इनकी अपनी ही पार्टी में टिकटार्थी बहुत गुस्से में हैं। ये अधिकांशतः बीएसपी के संपर्क में हैं। वैसे भी चुनाव में अंदर अंदर इस पार्टी को ये काफी नुकसान पहुंचाने वाले हैं।
उन्होंने कहा लेकिन बीएसपी के लोग ऐसे में दूसरी पार्टियों के विधायकों व अन्य लोगों के टिकट कटने पर उन्हें अपनी पार्टी से टिकट दिलवाने से परहेज करें। उनके स्थान पर अपनी पार्टी के लोगों को ही टिकट देने पर ज्यादा जोर दें तो उचित होगा।