पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग द्वारा एक मामले में तलब लोकसभा सदस्य रवनीत सिंह बिट्टू सोमवार को आयोग के सामने तय समय पर पेश हुए. उन्होंने अपने बीते दिनों दिए बयान के बारे में अपना पक्ष रखा.
दरअसल शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन और सीटों के बंटवारे को लेकर सांसद बिट्टू ने कहा था कि दोनों दलों के बीच सीटों पर समझौते में पवित्र सीटें श्री आनंदपुर साहिब और श्री चमकौर साहिब शिरोमणि अकाली दल ने बहुजन समाज पार्टी को दे दी हैं. उनके इस बयान पर पंजाब में बवाल मच गया था. उन्होंने बसपा प्रमुख मायावती पर भी गठबंधन के लिए पैसे लेने का आरोप लगाया था.
हालांकि उन्होंने इस बयान से पलटते हुए सफाई दी है कि उनका कहने का ये मतलब नहीं था. वह सिर्फ यह कहना चाह रहे थे कि शिअद पंथक सीटों से भाग रहा है. उनके दिए बयान को लेकर बसपा ने बठिंडा पुलिस को शिकायत देकर एफआईआर (FIR) दर्ज करने की मांग की थी. बसपा ने उन्हें मानहानि का नोटिस भी भेजा है. अकाली दल तथा बसपा कार्यकर्ताओं ने उनके कई जगह पुतले भी जलाये थे.
इस संबंध में जानकारी देते हुए आयोग की चेयरपर्सन तेजिन्दर कौर ने बताया कि पेशी के दौरान रवनीत सिंह बिट्टू ने अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि उनका कभी भी इस तरह का मकसद नहीं था कि वह दलित समाज के प्रति कोई गलत भावना वाला बयान दें और यदि उनके बयान के साथ किसी के मन को ठेस पहुंची है, तो वह बिना शर्त माफी मांगते हैं. इसके बाद आयोग ने उनको 2 दिनों में अपना पक्ष लिखित तौर पर पेश करने के आदेश दिए हैं.