Awaaz India Tv

ओबीसी आरक्षण पर लोकसभा में बिल,विपक्ष समेत बसपा का समर्थन

ओबीसी आरक्षण पर लोकसभा में बिल,विपक्ष समेत बसपा का समर्थन

मानसून सेशन में हंगामे और विरोध के बीच पहली बार लगभग 21 दिन बाद केंद्र सरकार को विपक्ष का सपोर्ट मिला है। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार ने लोकसभा में संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया, जिसके बाद सर्वसम्मति से बिल पास हो गया।  विपक्षी पार्टियों ने कहा है कि वे इस बिल को लेकर सरकार के साथ हैं। दरअसल, इस संशोधन के लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद राज्य को ये अधिकार मिल जाएगा कि वो OBC की लिस्ट में अपनी मर्जी से जातियों की लिस्टिंग कर सकें।

खास बात यह है कि 21 दिन से सदन में पेगासस, किसानों जैसे मुद्दों पर हंगामा कर रहे विपक्ष ने भी इस बिल को लेकर सरकार का साथ दिया है। बहुजन समाज पार्टी के लोकसभा में 10 सांसद है. सभी सदस्यों ने इस बिल का समर्थन किया है. लोकसभा के बाद राज्यसभा में बिल पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति से मंजूरी मिलनी बाकी है। इसके बाद यह कानून बन जाएगा। इसके बाद कर्नाटक में लिंगायत, गुजरात में पटेल, हरियाणा में जाट और महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का रास्ता साफ हो जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद यह बिल संसद में पेश किया गया । मई में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि केवल केंद्र को ये अधिकार है कि वह ओबीसी समुदाय से जुड़ी लिस्ट तैयार कर सके। हालांकि, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इसपर आपत्ति जाहिर की गई थी, इसी के बाद अब केंद्र सरकार संविधान संशोधन बिल लाकर इसे कानूनी रूप देना चाहती है। 

संसद में संविधान के अनुच्छेद 342-ए और 366(26) सी के संशोधन पर मुहर लगने के बाद राज्यों के पास ओबीसी वर्ग में अपनी जरूरतों के मुताबिक, जातियों को अधिसूचित करने की शक्ति मिलेगी। इससे  महाराष्ट्र में मराठा समुदाय, गुजरात में पटेल समुदाय हरियाणा में जाट समुदाय और कर्नाटक में लिंगायत समुदाय को ओबीसी वर्ग में शामिल करने का मौका मिल सकता है। ये तमाम जातियां लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रही हैं, हालांकि, सुप्रीम कोर्ट इन मांगों पर रोक लगाता रहा है। 

Image Credit : Mid day

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *