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हम बकरे नहीं जिन्हें मारा जाएगा-भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद देवास में गरजे

हम बकरे नहीं जिन्हें मारा जाएगा-भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद देवास में गरजे

#नेमावर_हत्याकांड पर आदिवासी, दलित, पिछड़े सभी सरकार से न्याय मांग रहे हैं. देवास में पहुंचने के बाद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने कहा आज मैंने नेमावर नरसंहार के पीड़ित परिवार से मुलाक़ात की और विश्वास दिलाया कि हम उन्हें न्याय दिलाकर रहेंगे। परिवार बहुत डरा हुआ है क्योंकि इस कांड में कुछ बड़े लोग संलिप्त हैं। हमारी माँग है कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में CBI से कराई जाए। @ChouhanShivraj

भीम आर्मी चीफ के नेमावर पहुंचने के बाद अब एमपी सरकार के लिए इस मामले को दबाना आसान नहीं होगा. आदिवासियों के नेतृत्व वाले इस आंदोलन में दलितों और पिछड़ों के जुड़ जाने से मध्य प्रदेश में राजनीतिक वातावरण बदलेगा और अत्याचार कम होंगे. उन्हें ओबीसी के 27% आरक्षण का समर्थन करना चाहिए. भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद रावण के कारण दलित-आदिवासी एकता मजबूत हुईं है.आजाद ने पहले उज्जैन रोड़ तिराहे पर स्थित बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. जिसके बाद उनका काफिला सीधे नेमावर के लिए रवाना हुआ. जहां उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की.

मीडिया से बातचीत करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि दिल्ली से इसीलिए आया हू कि मुख्यमंत्री चुप्पी तोड़े. जब तक सीबीआई जांच नहीं होगी और न्याय नहीं मिलेगा तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे. हम जनता हैं, हम मालिक हैं. भीम आर्मी प्रमुख ने ये भी कहा, जब तक सीबीआई जांच नहीं होती हम आंदोलन करेंगे. हम अधिकार मागेंगे नहीं, छीन कर रहेंगे.इस दौरान उन्होंने कहा की दलित-आदिवासी कोई बकरे नहीं हैं, जिन्हें हलाल किया जाएगा, मारा जाएगा.मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के सवाल पर बोले- उन्हें आदिवासियों से क्या लेना देना, उन्हें क्या पता वो आरएसएस के लोग हैं, उन्हें तो ये कीड़े मकोड़े नजर आते हैं.भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने कहा अगर ये उन्हें इंसान नजर आते तो तीन बच्चियों के बारे में सोचते, 45 दिन तक पुलिस ने क्या किया. आज कह रहे हम न्याय कर लेंगे,उन्होंने कहा कि अगर न्याय नहीं मिलेगा, तो मध्यप्रदेश नहीं चलेगा, मुख्यमंत्री चैन से नहीं सो पाएंगे, उन्होंने कहा कि वह हर मुख्यालय और मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे, जब तक वह सीबीआई की जांच का आदेश नहीं दे देते तब तक वो आंदोलन करेंगे.

आपको बता दें कि इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी सुरेन्द्र ने अपनी प्रेमिका को रास्ते से हटाने के लिए प्रेमिका और उसके परिवार के 5 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी. लाशें 10 फिट गहरे गड्ढे में दफ्न कर दी थी. जिसका खुलासा 47 दिनों बाद मंगलवार को हुआ था. पुलिस ने जेसीबी मशीन से खुदाई कर सभी लाशें बरामद की थी.

वहीं, नेमावर बस स्टैंड के पास वार्ड नंबर 10 में मुख्य आरोपी सुरेंद्र और उसके भाई वीरेंद्र के मकान और दुकानों पर प्रशासन JCB मशीन लेकर पहुंचा. पुलिस की मौजूदगी में आरोपियों के मकान और दुकानों तोड़ दिया गया. वार्ड नंबर 14 में दूसरे आरोपी विवेक के पैतृक घर को भी प्रशासन ने ढहा दिया. कार्रवाई के दौरान कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला, एसपी शिव दयाल सिंह सहित बड़ी संख्या में पुलिस जवान मौजूद थे.

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