तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के मां काली पर दिए बयान के बाद हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। मां काली पर बयान देशभर में कई एफआईआर दर्ज होने के बाद भी महुआ अपने बयान से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा है कि मैं मरते दम तक अपने बयान का बचाव करती रहूंगी। मैं ऐसे भारत में नहीं रहना चाहती, जहां केवल बीजेपी की पितृसत्तात्मक ब्राह्मणवादी सोच हावी रहेगी बाकी लोग धर्म के इर्द-गिर्द घूमते रहेंगे।
चौतरफा विवादों में घिरी महुआ का कहना है कि वह किसी से नहीं डरतीं. उन्होंने यहां तक कहा कि वह ऐसे भारत में नहीं रहना चाहतीं जहां बोलने की आजादी नहीं है. बता दें कि महुआ की पार्टी टीएमसी उनके बयान से पहले ही किनारा कर चुकी है. भाजपा मोइत्रा की गिरफ्तारी की मांग करते हुए लगातार धरना-प्रदर्शन कर रही है.
दरअसल, मां काली फिल्म को लेकर विवाद की शुरुआत लीना मणिमेकलई नामक फिल्म मेकर के एक पोस्टर शेयर करने के बाद हुई। लीना ने अपनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ का पोस्टर सोशल मीडिया पर शेयर किया था। इस पोस्टर में मां काली को सिगरेट पीते दिखाया गया। इसके साथ ही उनके एक हाथ में एलजीबीटी समुदाय का सतरंगा झंडा भी था। पोस्टर के सामने आते ही देशभर में इस पर बहस छिडी हुई हैं। वहीं टीएमसी सांसद के बयान ने इस मामले को और तूल दे दिया है। टीएमसी सांसद ने ट्वीट किया, आप सभी संघियों के लिए- झूठ बोलने से आप अच्छे हिंदू नहीं बन जायेंगे. मैंने कभी भी किसी फिल्म या पोस्ट का समर्थन नहीं किया और न ही मैंने कभी धूम्रपान शब्द का जिक्र किया. आपके लिए सुझाव है कि आप तारापीठ में जाकर देखें कि मां काली को भोग में क्या खाना और पीने के लिए क्या क्या चढ़ाया जाता है.
मां काली पर दिए गए बयान को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा को नसीहत दी है। ममता बनर्जी ने कहा है कि कुछ कहने से पहले लोगों की भावनाओं को समझना होगा। टीएमसी ने इससे पहले ही महुआ मोइत्रा के बयान से किनारा किया है.
इस विवाद के सन्दर्भ में सीनियर जर्नालिस्ट प्रो दिलीप मंडल ने लिखा है तुम्हारी काली माता आलू, केला, लौकी और भिंडी खाती होंगी। हमारी काली माँ को तो बकरे, भेड़, बत्तख़ और मुर्ग़ा की ही बलि चढ़ेगी। आपकी वाली को आप घास-पत्ता खिलाओ। हमारी वाली माता तो वही खाएँगी, वही पीएंगी जो हम खुद खाते-पीते हैं। ठीक है?