श्रीलंका के बाद अब बांग्लादेश में भी आर्थिक संकट गहरा गया है। बांग्लादेश में सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम 52% तक बढ़ने के बाद वहां लोग इसके विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। सरकार का कहना है कि इंटरनेशनल मार्केट में बढ़े फ्यूल की कीमतों के चलते देश में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े हैं। बांग्लादेश में जरूरी चीजों के भाव आसमान छू रहे हैं। ऐसे में अब डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ने से यहां स्थिति और गंभीर हो गई है।
बांग्लादेश में अब एक लीटर पेट्रोल 130 टका (108 रुपये) और डीजल 114 टका (95.11 रुपये) का मिल रहा है। सरकार ने कहा कि तेल कंपनियों को आठ अरब टका का घाटा हुआ है। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें बढ़ गई हैं। इसलिए दाम बढ़ाने के अलावा कोई चारा नहीं था। जैसे ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें घटेंगी, दाम घटा दिए जाएंगे।
बांग्लादेश में सरकार के फैसले के खिलाफ रविवार को लोग सड़कों पर उतरे। ढाका समेत कई शहरों में सड़कें जाम की गईं। बांग्लादेशी छात्र संगठनों ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा, आम लोगों को पहले से ही महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के कुप्रबंधन ने लोगों को इस पीड़ा की और बढ़ा दिया है। बांग्लादेश में गत जून महीने में महंगाई दर नौ महीने के उच्च स्तर 7.56 फीसदी पर रही।
बिजली, ऊर्जा और खनिज संसाधन राज्य मंत्री नसरुल हामिद नेकहा- ‘नई कीमतें हर किसी के लिए सहनीय नहीं होंगी. लेकिन हमारे पास और कोई विकल्प नहीं था. लोगों को धैर्य रखना होगा’ उन्होंने कहा कि यदि वैश्विक स्तर पर कीमतें गिरती हैं, तो बढ़े हुए रेट को समायोजित किया जाएगा. विशेषज्ञों का कहना है कि ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी से महंगाई दर में बढ़ोतरी हो सकती है.