महाड के बाढ में अपरिमित नुकसान हुआ है. वहां लोगों के आंसू पोछने के लिए, उनके कांधे से कांधा लगाकर काम करने के लिए साथ ही जीवन उपयोगी विभिन्न वस्तुओं का वाटप तथा मदत करने के लिए राष्ट्रनिर्माते डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विचार महोत्सव समिति के 50 वालंटियर्स डॉ. हर्षदीप कांबळे (उद्योग आयुक्त) इनके मार्गदर्शन में महाड में दाखिल हो गए है.
महाड को ऐतिहासिक क्रांतिसंगर का इतिहास है. महाद डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के स्पर्श से पावन हुआ है. ऐसा महाड शहर बाढ के संकट से प्रभावित हुआ है. महाड तथा आसपास के सात-आठ गावों को फिर से खड़ा करने के लिए समिति के 50 स्वयंसेवक चार से पांच दिनों के लिए राहत-मदत कार्य करनेवाले है. स्वयंसेवक वहां का कीचड़ साफ़ कर सफाई का काम भी करनेवाले है.
राष्ट्रनिर्माते डॉ. विचार महोत्सव समिति के माध्यम से पांच टन अनाज (जिसमें चावल-दाल-बिस्किट के 40,000 पॉकेट्स, बिसलेरी पानी) महिलाओं के लिए डेढ हजार साड़ियां तथा गाऊन, सोने के लिए एक हजार चटाई, एक हजार टी शर्ट का वितरण भी करेंगे.
महाड में भारत के मानवाधिकारों का सबसे बड़ा सत्याग्रह हुआ था. जो दांडी यात्रा से पहले हुआ था. कुछ कर्मठ लोगों ने इसका बड़ा विरोध भी किया था. इसके बावजूद डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने कड़ा संघर्ष कर महाड के चवदार तालाब को सबके लिए खुला कर दिया था. उस वक्त नाना टिपणिस जैसे लोगों ने बाबासाहब की मदत की थी.
संकट के इस समय में संवेदनशीलता, दानपारमिता, मैत्रीभावना, समर्पण जैसे बुद्ध वचनों का अनोखा मिलाप यहां देखने को मिल रहा है. डॉ. हर्षदीप कांबले (IAS) उद्योग आयुक्त ने कोरोना काल में भी लोगों की बहुत बड़ी मदत की है. इस बार भी उन्होंने इनिशिएटिव लेकर यहां मदत कार्य की शुरुवात कर दी है.
हाल ही में उनकी पत्नी उपासिका रोजाना कांबले और वे स्वयं दोनों ने मिलकर 31 एम्बुलैंस भारत के लद्दाख, बोधगया, सारनाथ, राजगीर,औरंगाबाद,नागपुर, बंगलौर समेत अन्य शहरों को दान दी है. इसके अलावा 200 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स तथा वेंटिलेटर्स का भी दान उन्होंने दिया, जो सभी के लिए बड़ा सहायक साबित हुआ. महाड में अतिवृष्टि-बाढ़ तथा नैसर्गिक आपत्ति के कारण प्रभावित लोगों के लिए भी दान पारमिता और लोगों के प्रति संवेदनशीलता का फिर से परिचय दिया है. जो सर्वथा लोककल्याणकारी है।
इस करुणामयी बुद्धिस्ट दम्पति का बहुत-बहुत आभार एवं साधुवाद ! महाड में बाढ़ से उत्पन्न परिस्थिति के इस जरूरी मदत कार्य में 50 युवक-युवतियां विषम परिस्थिति में रहकर कुशल कम्म करनेवाले है. बुद्धिस्ट युवाओं ने आगे बढ़कर सभी के लिए कार्य करना यह एक स्तुत्य उपक्रम है.
ऐसे राहत कार्य में आप सभी सहयोग करें यह आहवान समिति की और से किया जा रहा है.
भवतु सब्ब मंगलम !!
राष्ट्रनिर्माते डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर विचार महोत्सव समिति, मुंबई