उत्तर प्रदेश में मंत्रियों के विभागों को बंटवारा हो गया है. दलित, बहुजन वोटों के सहारे सत्ता में आयी बीजेपी ने इन वर्गों को मंत्रिमंडल विभागों के बंटवारे के वक्त औकात दिखा दी है. तथा जबरदस्त जातिवाद का परिचय दिया है. डेप्युटी CM केशव प्रसाद मौर्या को ये दिखाने की कोशिश हुई है की आप हमारे अहसानों की वजह से मंत्री बने हो. उन्हें बहुत की कमजोर विभाग आवंटित किया गया है. पूर्व में उनके पास जो लोकनिर्माण विभाग की जिम्मेदारी थी. वो अब ब्राह्मण जतिन प्रसाद को सौप दी गई है. केशव प्रसाद मौर्या केवल नाम के ही डेप्युटी CM रहेंगे. वही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह, आवास एवं शहरी नियोजन, नियुक्ति, कार्मिक और राजस्व सहित 34 अहम विभाग अपने पास रखे हैं.
प्रो.दिलीप मंडल ट्विटर पर लिखते है
बीजेपी ने यूपी में गृह, वित्त, ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य, लोक निर्माण, नियुक्ति, नगर विकास, न्याय, उच्च शिक्षा, विज्ञान प्रौधोगिकी, परिवहन, खाद्य, राज्य कर, प्रशासन, निर्वाचन, चिकित्सा शिक्षा, गरीबी उन्मूलन ही सवर्ण मंत्रियों को दिए हैं। बाक़ी सब कुछ OBC/SC मंत्रियों को दे दिया है !
चुनाव के वक्त बेबी रानी मौर्या को डेप्युटी CM बनाने का वादा किया गया था. लेकिन सत्ता प्राप्त होते ही उन्हें हिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग सौप दिया गया. उन्हें कोई अच्छा विभाग देने की जरुरत नहीं समझी गई. बीजेपी के जातिवाद यहां समाप्त नहीं होता, भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के संजय निषाद को जाती आधारित मत्सय विभाग दिया गया है.
योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में जितने भी बहुजन समाज के मंत्री बने है उन्हें निम्न दर्जे का मंत्रिपद दिए गए है. वही सभी सवर्णों को मलाईदार मंत्रालयों से नवाजा गया है. इसलिए लोग बीजेपी को भयंकर जातीयवादी और सवर्णों की तुष्टिकरण करनेवाली पार्टी कहते है.