यूपी के औरैया में टीचर की पिटाई से दलित छात्र की मौत के बाद सोमवार को लोगों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया। गांव में बच्चे का शव पहुंचने के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस की गाड़ी फूंक दी। पुलिस पर पथराव किया। हालात इतने बेकाबू हो गए कि आधी रात IG और ADG को मौके पर पहुंचना पड़ा।
सीनियर अफसरों ने पीड़ित परिवार से बात की। इसके बाद अंतिम संस्कार के लिए परिवार राजी हुआ। मंगलवार सुबह शव के अंतिम संस्कार की तैयारियां भी शुरू हो गई थीं। लेकिन, पुलिस द्वारा उपद्रव में शामिल लोगों की धरपकड़ की सूचना के बाद परिजन ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। इससे हालात फिर बिगड़ गए। साढ़े चार घंटे की मान-मनौवल के बाद परिजन शव का अंतिम संस्कार करने को मान गए।
SP चारू निगम ने बताया कि उपद्रव के मामले में 35 नामजद और तकरीबन 200 से 250 अज्ञात पर मुकदमा किया गया है। बताते चलें कि नामजद आरोपियों में मृतक के पिता राजू दोहरे का नाम भी शामिल किया गया है, जबकि अज्ञात में परिवार का नाम डाला गया है।
पुलिस ने एहतियातन औरैया के अछल्दा कस्बे के बाजार को बंद करा दिया है। पुलिस ने बाकायदा एनाउंस कर दुकानों को बंद कराया। कस्बे में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। इलाके में कई जगह पुलिस ने बैरिकेडिंग भी कर रखी है।
मृतक के पिता से बातचीत कर DM प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव ने आश्वासन दिया कि परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी के लिए सरकार से निवेदन करेंगे।
पथराव करने के बाद गुस्साएं लोगों ने एक पुलिस की जीप और चीता बाइक को आग के हवाले कर दिया। गुस्साएं लोगों ने पुलिस फोर्स पर पथराव करते हुए 500 मीटर तक दौड़ाया। DM और SP समेत कई अफसरों की गाड़ियों में तोड़फोड़ की। तोड़फोड़ और आगजनी के बाद भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा।
बताया जा रहा है कि टीचर ने क्लास में बच्चों का टेस्ट लिया था। इसमें निखित ने गलत जवाब दे दिया। इससे नाराज टीचर ने उसे डंडे, लात और घूसों से इतना पीटा कि वह बेहोश हो गया। इलाज के दौरान 18वें दिन उसकी मौत हो गई। इसपर सोशल एक्टिविस्ट सूरज कुमार बौद्ध ने ट्विटर पर लिखा : औरैया के छात्र निखिल कुमार दसवीं कक्षा में पढ़ते थे। टेस्ट में एक शब्द गलत लिखने पर शिक्षक ने उन्हें लात, घूसों और डंडों से बेहद निर्ममता से मारा-पीटा। 20 दिन इलाज के बाद उनकी मौत हो गई।SC छात्रों के साथ भेदभाव ही नहीं अब उनकी हत्याएं भी की जा रही हैं। देश इस पर मौन क्यों है?
आरोपी टीचर फरार
इस घटना की जानकारी मिलते ही सोमवार को स्कूल बंद कर दिया गया। आरोपी टीचर फरार है, पुलिस उसकी तलाश कर रही है। उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है।
परिजन की मांगें
अभियुक्तों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो।
पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा दिया जाए।
पीड़ित परिवार से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए।
पीड़ित परिवार को शहरी आवास दिया जाए।
पीड़ित परिवार को ग्राम समाज भूमि से 2 एकड़ का पट्टा दिया जाए।
अभियुक्तों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाए।
क्लास-10 का स्टूडेंट था मृतक
अछल्दा थाना क्षेत्र के कस्बा फफूंद रोड के आदर्श इंटर कॉलेज में वैशोली गांव निवासी निखित कुमार (15) 10वीं में पढ़ता था। उसके पिता राजू दोहरे ने बताया, ”7 सितंबर को सामाजिक विज्ञान के टीचर अश्विनी सिंह ने क्लास में टेस्ट लिया था। टेस्ट के लिए मेरे बेटे ने खूब पढ़ाई भी की थी। वह पढ़ने में ठीक था, लेकिन टेस्ट में उसने कोई शब्द गलत लिख दिया। उसी बात को लेकर टीचर अश्विनी सिंह ने मेरे बेटे को बाल पकड़ कर लात-घूसों और डंडों से इतना पीटा कि वह स्कूल में ही बेहोश हो गया।’
टीचर ने दो बच्चों की पिटाई की थी
निखित के क्लास के एक बच्चे ने बताया, ”उस दिन सरजी ने हमें भी पीटा था। वह इतने गुस्से में थे कि हम लोगों को डंडे, लात-घूंसों से पीट रहे थे। उस दिन से डर के मारे हम स्कूल भी नहीं गए। हमने घर पर भी नहीं बताया। हमें लगा कि घर पर भी पीटे जाएंगे। डर की वजह से मेरी तबीयत भी खराब हो गई थी।”
पीड़ित पिता ने कहा- मैं अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजूंगा
दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर के अनुसार राजू दोहरे खेती कर अपने परिवार का खर्च चलाता है। उसके निखित समेत तीन बच्चे थे। इसमें से अब निखित की मौत हो गई है। इससे राजू अब डर गया है। राजू ने बताया कि वह अपने 12 साल के बेटे राघव और 6 साल के बेटे अभिषेक को स्कूल नहीं भेजेगा।