उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है. जोमेटो कंपनी के एक डिलीवरी बॉय ने आरोप लगाया है कि एक परिवार ने उससे ऑर्डर लेने के लिए इसलिए मना कर दिया, क्योंकि वह दलित है. इस दौरान डिलीवरी बॉय की कथित तौर पर पिटाई भी की गई. आरोप है कि कस्टमर को जैसे ही डिलीवरी बॉय के दलित होने का पता चला। उन्होंने खाना लेने से इंकार कर दिया।
सिर्फ यही नहीं, परिवार के लोगों के साथ मिलकर पिटाई भी की। मन नहीं भरा तो मुंह पर थूक दिया। ये पूरी घटना आशियाना इलाके की है। पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने 2 नाजमद, 12 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि मामला केवल मारपीट का है।
क्या है मामला?
लखनऊ के थाना आशियाना अतंर्गत रहने वाले जोमेटो के डिलीवरी बॉय विनीत रावत ने बताया कि शनिवार रात वो आशियाना में ही एक डिलीवरी देने के लिए गए थे. रावत का आरोप है कि जब अपना ऑर्डर लेने के लिए अजय सिंह नामक शख्स घर के बाहर आए और उन्हें पता चला कि डिलीवरी बॉय दलित है, तो उन्होंने खाने का पैकेट यह कहकर फेंक दिया कि ‘दलित का छुआ नही खाएंगे.’
इसके बाद मुंह पर थूक दिया। विनीत ने विरोध किया तो अजय और उनके परिवार के सदस्यों ने मिलकर उसकी पिटाई की। इसके बाद विनीत ने पुलिस को सूचना दी। डायल- 112 की टीम पहुंची।
- पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के मुताबिक,
- “शनिवार रात विपिन रावत ऑर्डर लेकर कस्टमर के घर पहुंचे. तो कस्टमर अजय सिंह अपने रिश्तेदार को घर छोड़ने जा रहे थे. वो जैसे ही घर से निकले तो डिलीवरी बॉय विनीत ने उन्हीं से उनके घर का पता पूछा. अजय ने घर का पता बताने के लिए मुहं में खा रहे पान मसाले को थूका तो उसकी छींटे विनीत पर पड़ गईं. इसपर डिलिवरी बॉय विनीत ने अजय को गाली दे दी. इसी बात पर अजय और उनके घरवालों ने विनीत की पिटाई कर दी.”
पुलिस कमिश्नर ने आगे कहा, “विनीत रावत ने झगड़े के बाद डायल 112 को सूचना दी. जिस पर डायल112 की टीम पहुंची और दोनों को थाने चलने के लिए कहा. इसके बाद विनीत ने थाने जाने से इनकार कर दिया और रविवार को वो वकील के साथ थाने आए और तहरीर दी. उन्होंने कहा कि फिलहाल तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है.” दोनों पक्षों से गहनता से पूछताछ की जाएगी। आसपास लगे हुए सीसीटीवी की भी जांच की जाएगी।
देश में आज भी जातीयवादी मानसिकता कितनी प्रभावी है इसका यह ताजा उदाहरण है. हम आजादी के 75 साल का जश्न मना रहे है लेकिन देश में आज भी समानता के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.