दक्षिण भारतीय राज्यों, विशेषकर तमिलनाडु में पेरियार EV रामास्वामी नायकर का खासा प्रभाव रहा है। दक्षिण भारतीयों के दिलों में पेरियार के प्रति गहरा सम्मान है। पेरियार के नाम से मशहूर इरोड वेंकट नायकर रामासामी 20वीं सदी में भी ना सिर्फ सांस्कृतिक, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्यों पर भी गहरा प्रभाव रहा है। उन्होंने ब्राह्मणवाद का प्रखर विरोध किया. उन्होंने राम-कृष्ण के पुतले जलाये। रुढ़िवादी हिंदुत्व के खिलाफ पेरियार ने जमकर झंडा बुलंद किया। जस्टिस पार्टी का गठन का मूल मंत्र भी रुढ़िवादी हिंदुत्व का विरोध था।
पेरियार की मूर्तियों के नीचे उनका ये बात भी लिखी रहती थी- ‘ईश्वर नहीं है और ईश्वर बिलकुल नहीं है, जिस ने ईश्वर को रचा वह बेवकूफ है, जो ईश्वर का प्रचार करता है, वह दुष्ट है, साथ ही जो ईश्वर की पूजा करता है. वह बर्बर है।’ पेरियार ने धर्म और ईश्वर को लेकर भी कई अहम सवाल खड़े किए। उन्होंने तो ईश्वर को लेकर 15 सवाल उठाए थे, इस वीडियो में देखिये क्या है उनके सवाल।