देश में विपक्ष के नेताओं, अफसरों, जजों, पत्रकारों और एक्टिविस्ट की जासूसी के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि जासूसी के लिए पेगासस का इस्तेमाल देशद्रोह है। सरकार ने मेरी, सुप्रीम कोर्ट और प्रेस के लोगों की जासूसी की.
राहुल बोले- सरकार ने कहा है कि संसद में पेगासस पर कोई बात नहीं होगी। साफ तौर पर सरकार ने कुछ गलत किया है, सरकार ने कुछ ऐसा किया है जो देश के लिए खतरनाक है। नहीं तो वे कहते कि आइए और चर्चा कीजिए। हमारे बारे में कहा जाता है कि हम संसद की कार्यवाही को चलने नहीं दे रहे हैं। आपको विपक्ष के सभी नेता यहां बताएंगे कि हमारी सरकार से क्या मांगें हैं। जिस हथियार को आतंकवादियों और देशद्रोहियों के खिलाफ उपयोग किया जाना चाहिए उसका उपयोग नरेंद्र मोदी जी ने भारतीय संस्थाओं और लोकतंत्र के खिलाफ क्यों उपयोग किया।
हम संसद में सिर्फ इस मुद्दे पर ही बात करना चाहते हैं। यदि हमने अभी यह कह दिया कि अभी पेगासस पर बात नहीं करेंगे तो यह मुद्दा खत्म हो जाएगा। ये हमारे लिए राष्ट्रवाद का मामला है। ये एंटी नेशनल काम है। नरेंद्र मोदी जी और अमित शाह जी ने देश की आत्मा को चोट पहुंचाई है। हम सिर्फ इतना जानना चाहते हैं कि क्या सरकार ने इसका इस्तेमाल किया और सरकार ने किस-किस पर इसका इस्तेमाल किया?
राहुल गांधी ने कहा- हम पेगासस पर चर्चा चाहते हैं। सरकार पेगासस पर चर्चा करने से मना कर रही है। राहुल ने सवाल उठाया- मैं देश के युवाओं से जानना चाहता हूं कि आपके मोबाइल पर नरेंद्र मोदी जी ने एक हथियार डाला है। मेरे खिलाफ, सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ, प्रेस के लोगों के खिलाफ, कार्यकर्ताओं के खिलाफ इस हथियार का प्रयोग हुआ। तो फिर क्या कारण है कि सदन में इस पर बात नहीं हो रही है
सदन के बाहर एक जैसी विचारधारा वाले 14 विपक्षी दलों ने एक अहम मीटिंग भी की और सरकार को घेरने की योजना बनाई। मीटिंग के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पेगासस जासूसी केस, महंगाई और किसानों के मुद्दे पर हम कोई समझौता नहीं करेंगे।
विपक्ष की बैठक में कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, आम आदमी पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, राष्ट्रीय समाज पार्टी, केरल कांग्रेस (एम), विदुथालाई चिरुथैगल कच्ची और एसएस पार्टी के नेता शामिल थे।