बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने संसद में हंगामे को लेकर दुख प्रकट किया है। मायावती ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि संसद में ऐसा दृश्य उन्होंने कभी नहीं देखा। मायावती ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि, “देश की संसद व इसके उच्च सदन राज्यसभा में गत दिनों सत्ता व विपक्ष के बीच गतिरोध में जो कुछ हुआ वह अति दुर्भाग्यपूर्ण। मैंने अपने लम्बे संसदीय जीवन में बहुत बार सत्ता व विपक्ष के बीच तीखी तकरार, तनाव व तीव्र विरोध आदि देखे हैं किन्तु संसद में अब जैसा दृश्य कभी नहीं देखा है।”
संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा और लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण सदन में कुछ ही घंटे काम हो सका।
वही मानसून सत्र खत्म होने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत करीब 15 विपक्षी दलों ने संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला। पूरे मानसून सत्र के दौरान पेगासस, किसान जैसे मुद्दों पर लगातार हंगामा कर रहे विपक्ष ने सरकार पर लोकतंत्र की मर्यादा भंग करने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने कहा- मानसून सत्र खत्म हो गया है। हमने पेगासस का मुद्दा उठाया। सरकार से कहा कि इस पर बहस की जाए, पर सरकार ने डिबेट से मना कर दिया। हमें संसद में नहीं बोलने दिया गया। देश के 60% लोगों की आवाज नहीं सुनी गई। संसद में हमें नहीं सुना गया इसलिए हम लोग यहां आए हैं। राज्यसभा में पहली बार सांसदों की पिटाई की गई। उनसे धक्का-मुक्की की गई। प्रधानमंत्री मोदी देश और देश की आत्मा को बेच रहे हैं।