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मायावती का किसानों से वादा- सरकार बनने पर यूपी में नहीं लागू होंगे तीनों कृषि कानून

मायावती का किसानों से वादा- सरकार बनने पर यूपी में नहीं लागू होंगे तीनों कृषि कानून

प्रबुद्ध वर्ग संमेलन अर्थात ब्राह्मण संमेलन के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बसपा अध्यक्ष मायावती ने किसानों से बड़ा वादा किया. लखनऊ के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि 2022 में अगर उनकी पार्टी की सरकार सत्ता में आती है, तो वे न सिर्फ किसानों की आय दोगुनी करेंगी, बल्कि केंद्र सरकार द्वारा जबरदस्ती थोपे गए तीनों काले कानून भी यूपी में लागू नहीं होने देंगी. उन्होंने बीजेपी पर किसानों के साथ धोखा करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने आय दोगुनी करने का वादा कर किसानों का वोट लिया, लेकिन उसे पूरा नहीं किया.

आरएसएस चीफ मोहन भागवत से सवाल
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर मायावती ने कहा कि ‘मैं उनसे ये पूछना चाहती हूं कि अगर हिन्दू और मुसलमानों का डीएनए एक ही है, तो आरएसएस मुसलमानों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों कर रही है.

यूपी के विकास पर फोकस न कि बिल्डिंग पार्क और स्मारक पर।

मायावती ने 2007 के दलित-ब्राह्मण सोशल इंजीनियरिंग के दांव का भी बार-बार जिक्र किया। मायावती ने कहा, ‘हमने अपने पार्टी संगठन, चुनाव में टिकट देने पर और सरकार बनने पर मंत्री वगैरह बनाने के मामले में ब्राह्मण वर्ग को उचित प्रतिनिधित्व दिया है। इन सब बातों का अहसास कराने और इन्हें फिर से पार्टी से जोड़ने के लिए मेरे निर्देश पर 23 जुलाई से प्रबुद्ध वर्गों की विचार संगोष्ठी का अयोध्या में आयोजन शुरू हुआ था। पहला चरण काफी सफल रहा है जिसका मेरे द्वारा आज समापन भी किया जा रहा है।’ मायावती ने कहा की हमने अपने संत-गुरु और महापुरुषों का उचित सन्मान किया है। इस बार हम यूपी को देश का सबसे बेहतरीन राज्य बनाएंगे। उन्होंने कहा, अब मैं सिर्फ यूपी के विकास पर फोकस करूंगी न कि बिल्डिंग पार्क और स्मारक पर।

‘दलित वर्ग पर शुरू से ही गर्व ‘

मायावती ने अपने कोर वोटबैंक का जिक्र करते हुए कहा, ‘दलित वर्ग के लोगों पर शुरू से ही गर्व रहा है। बिना गुमराह हुए और बहकावे में आकर कठिन से कठिन दौर में भी उन्होंने पार्टी का साथ नहीं छोड़ा है। मैं उम्मीद करती हूं बीएसपी से जुड़े अन्य वर्गों के लोग भी इनकी तरह गुमराह नहीं होंगे। पिछले कुछ वर्षों में जहां यहां सपा की सरकार रही हो या वर्तमान में बीजेपी की सरकार चल रही हो लेकिन इन सभी सरकारों की जातिगत की संकीर्ण और पूंजीवादी सोच होने के कारण मजदूरों, किसानों, व्यापारियों व दलित-अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ ब्राह्मण समाज का भी शोषण हुआ है

प्रत्येक विधानसभा में 1000 ब्राह्मण कार्यकर्ता

मायावती ने कहा, मैं 2 फरवरी 2021 से लगातार लखनऊ में हूं। कोरोना काल में जानबूझकर लखनऊ से नहीं निकली, क्योंकि ऐसा करने पर कार्यकर्ताओं पर कोरोना नियमों के उल्लंघन के मुकदमे दर्ज होते। फिर चुनाव की तैयारी की जगह कार्यकर्ता मुकदमेबाजी में फंसे रहते । मायावती ने कार्यकर्ताओं को टारगेट देते हुए कहा की, पूरे प्रदेश में पहले हर विधानसभा क्षेत्र में 1 हजार ब्राह्मण कार्यकर्ता तैयार करना है और इसके लिए हमारे कार्यकर्ताओं को जुटना होगा। शहरों में प्रबुद्ध वर्ग की महिलाओं को भी सम्मेलन से जोड़ा जाएगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी सतीश मिश्र की पत्नी कल्पना मिश्रा की टीम को दी जाती है।

‘बीएसपी का शासनकाल कई गुना बेहतर’

हमने बेहतर कानून-व्यवस्था दी है। वर्तमान सरकार और सपा सरकार के वक्त महिलाएं दिन ढलते घर से नहीं निकलती थीं, आज भी नहीं निकल पाती। बीजेपी पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा, ‘अब ब्राह्मण समाज के लोग भी प्रदेश में हर जगह खुलकर कहने लगे हैं कि सभी पार्टियों की तुलना में बीएसपी का शासनकाल हर मामले में कई गुना बेहतर रहा है लेकिन हमने बीजेपी के प्रलोभन में आकर इनकी पूर्ण बहुमत सरकार बनाकर बहुत बड़ी गलती की है। बीएसपी की पूर्व सरकार ने ब्राह्मण समाज के लोगों की तरक्की, सुरक्षा और सम्मान के नाम पर कई ऐतिहासिक कार्य किए हैं।’

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