पिछले महीने जॉनसन ने कॉन्फिडेंस वोट जीता था। रूल्स के हिसाब से 12 महीने तक उनके खिलाफ दूसरा नो-कॉन्फिडेंस मोशन नहीं लाया जा सकता। उनकी ही पार्टी के कुछ सांसद 12 महीने के इस इम्युनिटी वाले नियम को बदलने एव इसके पीरिएड को कम या खत्म करने की मांग कर रहे है। अक्टूबर में होने वाले पार्टी सम्मेलन में इस विवादित नियम पर फैसला होगा।
जॉनसन अगले प्रधानमंत्री के चुने जाने तक काम करते रहेंगे। बड़े फैसले नहीं ले सकेंगे। अहम फैसले के लिए संसद से मंजूरी लेनी होगी। उन्हें यह फायदा जरूर है कि उनकी पार्टी के पास संसद में बहुमत है।
नए नेता के नॉमिनेशन के लिए 2 सांसदों का प्रस्ताव जरूरी। ऐसे में कई पार्टी नेता प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदारी कर सकते हैं। पार्टी सांसदों को कई दौर की वोटिंग करनी होगी। एक नाम पर सहमति बनाने की कोशिश होगी। जिसे ज्यादा वोट मिलेंगे, वो दावेदार होगा। यह वोटिंग तब तक होगी, जब तक सिर्फ 2 कैंडिडेट रेस में न रह जाएं। अमूमन यह वोटिंग मंगलवार और गुरुवार को होती है। आखिरी 2 कैंडिडेट के लिए भी वोटिंग होगी। इनमें से जो जीतेगा, वो प्रधानमंत्री चुना जाएगा।
इस इस्तीफे की सबसे बड़ी वजह 30 जून को डिप्टी चीफ व्हिप पोस्ट पर क्रिस पिंचर का अपॉइंटमेंट है। यौन शोषण के आरोपी सांसद क्रिस पिंचर को डिप्टी चीफ व्हिप नियुक्त करने को लेकर भी काफी विवाद हुआ था। इस वजह से उनके खिलाफ गुस्सा बढ़ गया था। इसके बाद ही ब्रिटिश कैबिनेट से इस्तीफों का सिलसिला शुरू हो गया। पिंचर की नियुक्ति और जॉनसन के काम करने के तरीके से नाराज 50 मंत्री और सांसद इस्तीफा दे चुके हैं।
इन लोगों का कहना है कि ब्रिटिश पीएम सब जानते थे, इसके बावजूद अपॉइंटमेंट किया। सरकार के खिलाफ अविश्वास इस कदर बढ़ता जा रहा है कि 36 घंटे पहले ही मंत्री बनाए गए मिशेल डोनेलन ने भी इस्तीफा दे दिया। हालांकि, विवाद बढ़ता देख जॉनसन ने मंगलवार को माना कि पिंचर को सरकार में शामिल करने का उनका फैसला गलत था। इसके लिए उन्होंने माफी भी मांगी। इसके अलावा लॉकडाउन में शराब पार्टी की तस्वीरें सामने आने और प्रिंस फिलिप की फ्यूनरल से पहले भी पार्टी करने के लिए जॉनसन की काफी फजीहत हुई। प्रिंस के फ्यूनरल से पहले पार्टी करने पर तो उन्होंने माफी भी मांगी थी।
इस्तीफे से पहले जॉनसन ने देश के नाम संबोधन में कहा- बहुत दुखी मन से कंजर्वेटिव पार्टी का नेता पद छोड़ रहा हूं। सांसद जब नया नेता चुन लेंगे तो प्रधानमंत्री पद से भी इस्तीफा दे दूंगा। हमारे सांसद चाहते हैं कि नया प्राइम मिनिस्टर होना चाहिए। मैं उनकी इच्छा का सम्मान करता हूं। अगले हफ्ते नया नेता चुनने का प्रोसेस शुरू होगा।
विपक्षी लेबर पार्टी के नेता कीर स्टारर ने कहा- बोरिस जॉनसन को बहुत पहले ही पद छोड़ देना चाहिए था। उनका कुर्सी छोड़ना देश के लिए अच्छी खबर है। ब्रिटेन को नई शुरुआत की जरूरत है। कंजर्वेटिव पार्टी ने 12 सालों में देश का बहुत नुकसान किया है।
प्रधानमंत्री पद के दावेदारों के रेस में पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक और फॉरेन कॉमन वेल्थ एंड डेवलपमेंट अफेयर्स सेक्रेटरी लिज ट्रस सबसे आगे हैं। कोरोना राहत पैकेज के कारण सुनक खासे लोकप्रिय हैं। वर्तमान वित्त मंत्री नदीम जाहवी और पूर्व विदेश मंत्री जेरेमी हंट भी दौड़ में हैं। माना जा रहा है कि पूर्व रक्षा मंत्री पैनी मॉरडॉट भी अपनी दावेदारी जता सकती हैं। पैनी जॉनसन के खिलाफ काफी समय से मुखर रही हैं। ब्रिटिश पीएम की रेस में कुल 6 नाम हैं। इस पद की दावेदारी में आगे चल रहे ऋषि सुनक के घर पर खासी गहमा-गहमी रही। ऋषि की पत्नी अक्षता मूर्ति भी एक्टिव हो गई हैं। अक्षता इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी हैं।
ब्रिटेन में लिखित संविधान नहीं है, लेकिन सदियों से परंपराओं पर आधारित शासन प्रणाली है। ‘डेली मेल’ के मुताबिक, जॉनसन वही कर रहे हैं जो डेविड कैमरॉन और थेरेसा मे ने किया था। यानी जब तक संसदीय दल का नया नेता नहीं चुन लिया जाता, तब तक वो बतौर प्रधानमंत्री बने रहेंगे। इस प्रोसेस में हफ्ते या महीनों लग सकते हैं। यही वजह है कि जॉनसन अक्टूबर तक ब्रिटिश प्रधानमंत्री के ऑफिशियल रेसीडेंस 10 डाउनिंग स्ट्रीट में रहेंगे।