“हे मानव !
तुम शेर के सामने जाने से मत डरना,
यह बहादुरी की परीक्षा है।
तुम तलवार का सामना करने से भी भयभीत मत होना, यह त्याग की कसौटी है।
तुम पर्वत शिखर से पाताल में कूदते हुए भी मत डरना, यह तप की परीक्षा है।
तुम धधकती ज्वालाओं से भी मत डरना,
यह स्वर्ण परीक्षा है।
लेकिन शराब से हमेशा भयभीत रहना,
क्योंकि यह बुराई,
अनर्थ की,
दुराचार की,
धननाश की,
समस्त अकुशल कर्मों की
जननी है।”