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बाढग्रस्त महाड में डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर विचार महोत्सव समिति के 80 वालंटियर्स कर रहें है राहत एवं बचाव कार्य

बाढग्रस्त महाड में डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर विचार                        महोत्सव समिति के 80 वालंटियर्स कर रहें है राहत एवं बचाव कार्य

महाड में बादल फटने जैसी मुसलाधार बारिश से सावित्री नदी में आयी बाढ की वजह से महाड और आसपास के गावों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. इस भीषण बाढ में हुए नुकसान से लोगों को राहत पहुंचाने और मदत कार्य करने हेतू इस समय राष्ट्रनिर्माते डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर विचार महोत्सव समिति के 50 वालंटियर्स महाड में कार्यरत है.

राष्ट्रनिर्माते डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर विचार महोत्सव समिति के स्वयंसेवक बीते 3 दिन से महाड और आस-पास के बाढ़ग्रस्त गावों को भेट देकर वहां राहत सामग्री का भी वितरण कर रहें है. कालिज आदिवासी वाड़ी, राजेवाडी, कोंडिवते, गांधार पालि, केम्बुली, मोपरागांव, आसनपोई बौद्धवाड़ी, भोराव बौद्धवाड़ी आदि गांवों में दिन-रात राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए है. भीषण बाढ़ के कारण यहां बिजली की भी समस्या है. माझिरे इस गांव में 21 जुलाई को लैंडस्लाइड हुआ, गांव संपर्क क्षेत्र से बाहर हो गया था. जैसे-तैसे एक छोटासा रास्ता बनाकर फिर गांव से संपर्क बनाया गया.और वहां भी राष्ट्रनिर्माते डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर विचार महोत्सव समिति के कार्यकर्ता सबसे पहले राहत सामग्री लेकर पहुंच गए.

अतिवृष्टि और बाढ़ से चवदार तालाब परिसर में भी कीचड़ भर गया था. यह वही ऐतिहासिक चवदार तालाब है जहां से बाबासाहब डॉ.आंबेडकर ने मानवीय हको के लिए संघर्ष की अपनी लड़ाई की शुरुआत की थी. महाड के चवदार तालाब में स्थित बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा और स्मारक के आसपास बाढ़ के कारण पूरा कीचड़ भर गया था. राष्ट्रनिर्माते डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर विचार महोत्सव समिति के वालंटियर्स के इस कार्य की सभी स्तर पर सराहना हो रही है.

दूसरी टीम भी पहुंची महाड

राष्ट्रनिर्माते डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर विचार महोत्सव समिति, मुंबई का महाड बाढ़ग्रस्तों के लिए राहत और मदतकार्य में उत्साह और समर्पण देखकर समिति के 30 वालंटियर्स की दूसरी टीम बाढ़ ग्रस्तों के लिए जरुरी चीज़ें लेकर पहुंच चुकी है. जिसमें 800 छोटे बच्चों के लिए कपडे, लेडीज गाऊंस, मैक्सी, चादर, ब्लॅंकेटस,सैनिटरी पैड्स आदि शामिल है.

तीन दिन से लगातार दिन-रात राहत और बचाव कार्य में जुटें राष्ट्रनिर्माते डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर विचार महोत्सव समिति के इन युवा स्वयंसेवकों को प्रोत्साहित करने बाबासाहब डॉ. आंबेडकर के महाड चवदार तालाब आंदोलन में अनमोल सहयोग करनेवाले सुलभा नाना टिपणिस के पोते मिलिंद टिपणिस भी पहुंचे। उन्होंने समिति के वालंटियर्स और डॉ. हर्षदीप कांबले (IAS) के प्रति आभार व्यक्त किया. तथा इस मानवीय संवेदनशीलता के लिए उनका अभिनंदन किया.

बौद्ध समुदाय के युवाओं ने इस कार्य से एक अच्छा आदर्श समाज के समक्ष उपस्थित किया है. राष्ट्रनिर्माते डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर विचार महोत्सव समिति के इन युवा कार्यकर्ताओं के साहस और मदत कार्य में समर्पण पर देशभर से अच्छी प्रतिक्रियाएं आ रही है.

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