वंचित बहुजन आघाडी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने आरएसएस की दोहरी नीति पर तंज कसा है। उन्होंने आरएसएस का मुखपत्र माने जानेवाले पांचजन्य-इन्फोसिस विवाद पर ट्वीट किया है. प्रकाश आंबेडकर ने ट्वीट करते हुए लिखा है।
RSS किसी भी हद तक गिर सकता है। वो खुद कहता है कि पंचजन्य उसका मुखपत्र है। इसी पंचजन्य से इन्फोसिस कम्पनी को देशविरोधी कहा गया। लेकिन विरोध होते ही अब RSS ने अपने बच्चों को पहचानने से भी इंकार कर दिया है। बंदर की तरह डूबने लगे तो बच्चेके सर पर पैर रखकर अपने आपको बचा रहे हैं।
दरअसल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी वीकली मैगजीन पांचजन्य ने अपने नए वर्जन में GST और इनकम टैक्स पोर्टल में गड़बड़ियों का मुद्दा उठाने हुए इन्फोसिस के खिलाफ कवर स्टोरी छापी है, जिसमें इन्फोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति की तस्वीर लगा कर “साख और आघात” लिखा है। कंपनी को “ऊंची दुकान, फीका पकवान” बताते हुए, पांचजन्य ने कहा कि नियमित गड़बड़ियों ने “भारतीय अर्थव्यवस्था में टैक्सपेयर्स के विश्वास को कम कर दिया है।”
हालांकि, मैगजीन ने स्वीकार किया कि गंभीर आरोप के लिए उसके पास कोई ठोस सबूत नहीं हैं, लेकिन इसने कहा कि कंपनी पर कई बार “नक्सलियों, वामपंथियों और टुकड़े-टुकड़े गैंग” की मदद करने का आरोप लगाया गया है।
इस लेख पर विवाद होने का बाद RSS ने पांचजन्य-इन्फोसिस विवाद से किनारा करते हुए कहा है कि यह साप्ताहिक पत्रिका उसका मुखपत्र नहीं है। इस बारे में प्रकाशित लेख लेखक के अपने विचार हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को इस लेख में व्यक्त विचारों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। आरएसएस ने साथ ही कहा कि भारतीय कंपनी के नाते इन्फोसिस का भारत की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान है।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रभारी सुनील आंबेकर ने रविवार को ट्वीट किया, ‘भारतीय कंपनी के नाते इन्फोसिस का भारत की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान है। इन्फोसिस संचालित पोर्टल को लेकर कुछ मुद्दे हो सकते हैं परंतु पांचजन्य में इस संदर्भ में प्रकाशित लेख, लेखक के अपने व्यक्तिगत विचार हैं, तथा पांचजन्य संघ का मुखपत्र नहीं है। अतः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को इस लेख में व्यक्त विचारों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।’
आरएसएस की इस दोहरी निति पर वंचित बहुजन आघाडी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने तंज कसा है,