तमिलनाडु की एम.के स्टालिन सरकार ने EV पेरियार रामास्वामी नायकर की जयंती तमिलनाडु में ‘सामाजिक न्याय दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है। विपक्षी दलों ने भी इस फैसले का स्वागत किया हाउ.
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विधानसभा में घोषणा की कि द्रविड़ कड़गम के संस्थापक ‘पेरियार’ ईवी रामासामी की जयंती हर साल 17 सितंबर को तमिलनाडु में ‘सामाजिक न्याय दिवस’ के रूप में मनाई जाएगी। स्टालिन ने विधानसभा में अपने एक बयान में कहा सचिवालय सहित सभी राज्य सरकार के कार्यालयों में कर्मचारी उस दिन आत्म-सम्मान, तर्कवाद, भाईचारे, समानता, मानवतावाद और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करने का संकल्प लेंगे।
इसे ऐतिहासिक घोषणा बताते हुए स्टालिन ने कहा कि पेरियार जो कभी विधानसभा नहीं गए थे, लेकिन उनके विचारों को विधानसभा में कानून के रूप में अधिनियमित किया गया था। पेरियार के पास अपने विचारों को दूसरों के माध्यम से लागू करने की शक्ति थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेरियार द्वारा सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अथक अभियान के कारण ही तमिलनाडु राज्य ने ऐसी किसी भी चीज पर सवाल उठाने की संस्कृति विकसित की है जो तर्कसंगत नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि पेरियार ने तमिलनाडु के लोगों के मन में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाई थी। उन्हें प्यार से थनथाई पेरियार भी कहा जाता है।
स्टालिन ने कहा कि पेरियार ने हमेशा पिछड़े वर्गो के साथ-साथ अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के अधिकारों को बरकरार रखा था और इन श्रेणियों के लोगों के सामाजिक उत्थान के लिए उनकी प्रतिबद्धता ने 1951 में भारत के संविधान का पहला संशोधन किया था।
सामाजिक बुराइयों के खिलाफ अथक अभियान चलाने वाले समाज सुधारक की जयंती 17 सितंबर को आती है ।अन्नाद्रमुक विधायक आर वैथीलिंगम ने घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि पेरियार के कारण ही एक आम आदमी भी विधायक और सांसद बन सका और विधानसभा में प्रवेश कर सका।