प्रख्यात फिल्म अभिनेता दिलीप कुमार को मरणोपरान्त डॉ. आंबेडकर पुरस्कार से सन्मानित किया गया. दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो ने इस पुरस्कार को स्वीकार किया. मुंबई में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने उन्हें यह अवार्ड प्रदान किया. दिलीप कुमार को हाल ही में ‘भारत रत्न डॉ अम्बेडकर अवॉर्ड’ के लिए नामांकित किया गया था।
अवार्ड लेते हुए सायरा बानो फूट फूट कर रोने लगी उन्होंने कहा कि मैं बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर जी के नाम से इस अवार्ड को दिल से स्वीकार करती हूं, बाबासाहेब के नाम का सम्मान पाकर दिलीप साहेब बहुत खुश हो रहे होंगे ! मैं रामदास आठवले साहेब और कैलाश मासूम जी का धन्यवाद अदा करती हूं.दिलीप कुमार को भारत सरकार दादासाहेब फाल्के, पद्मभूषण और पद्मविभूषण अवार्ड सम्मानित कर चुकी है !
दिलीप कुमार का 98 साल की उम्र में निधन 7 जुलाई 2021 को हुआ था। वो लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे।
पुरस्कार समारोह के दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास आठवले ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करेंगे कि हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने पर विचार करें.
इस समय एक्ट्रेस सायरा बानो अवॉर्ड लेते वक्त अपने पति को याद कर रो पड़ी। सायरा ने कहा कि वो अभी भी उनके साथ यहां हैं। साथ ही उन्होंने दिवंगत एक्टर को कोहिनूर बताते हुए कहा कि उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया जाना चाहिए। सायरा बानो ने कहा कि मुझे लगता है कि वह अब भी यहीं हैं, सब कुछ देख रहे हैं, मेरे साथ हैं. वह मेरी यादों में नहीं हैं, वह हर कदम पर मेरे साथ हैं. मैं यह सोचकर अपना जीवन काट सकती हूं कि वह मेरे साथ हैं. अभिनेत्री ने कहा कि मैं यह कभी नहीं सोचूंगी कि वह नहीं है, इसलिए मेरे लिए यह विश्वास करना आसान है कि वह मेरे साथ हैं और हमेशा मेरा साथ देंगे..मेरा कोहिनूर.
वीडियो में सायरा यूनियन मिनिस्टर रामदास अठावले से अवॉर्ड लेती दिख रही हैं। इसके बाद जैसे ही रामदास अठावले ने दिलीप कुमार के बारे में बात की, सायरा रो पड़ीं। सायरा ने कहा कि यही वजह है वो कोई इवेंट अटेंड करना पसंद नहीं करती, क्योंकि इवेंट्स उन्हें इमोशनल फील करवाते हैं।
याद रहें की डॉ. बाबासाहब आंबेडकर और दिलीप कुमार की औरगांबाद में मुलाकात हुई थी. उस वक्त दिलीप कुमार ने बाबासाहब को मिलिंद कॉलेज के निर्माण के लिए मदत की पेशकश भी की थी. लेकिन डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने उनसे मदत लेने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा की फिल्म में नाचने-गाने वालों के पैसों से वो अपने कॉलेज के निर्माण में नहीं लगाना चाहते.