Awaaz India Tv

समाजवादी पार्टी के मंच पर रोने लगे राम अचल राजभर, कहा- ‘मायावती ने मेरा पक्ष नहीं सुना’

समाजवादी पार्टी के मंच पर रोने लगे राम अचल राजभर, कहा- ‘मायावती ने मेरा पक्ष नहीं सुना’

समाजवादी पार्टी द्वारा आयोजित अखिलेश यादव की जनादेश महारैली में बसपा के निलंबित नेता राम अचल राजभर और लालजी वर्मा ने सपा का दामन थाम लिया है. वहीं रैली को संबोधित करते हुए मंच पर ही राम अचल राजभर रोने लगे. इस दौरान राजभर ने अपने संबोधन में बसपा अध्यक्ष मायावती पर गंभीर आरोप भी लगाया.

डॉ. अंबेडकरनगर में रैली को संबोधित करते हुए राम अचल राजभर ने कहा कि मैं 38 साल से बसपा मूवमेंट के लिए काम किया. राजभर ने इस दौरान किस्सा सुनाते हुए कहा कि लोकसभा का चुनाव था. उस समय मेरी पत्नी लखनऊ में भर्ती थी. मेरा बेटा फोन पर फोन कर रहा था. मैं लखनऊ नहीं गया, क्योंकि कैंडिडेट के जीत का सवाल था और इसी दौरान मेरी पत्नी का निधन हो गया.

राम अचल राजभर ने आगे कहा कि मैंने परिवार को कभी नहीं समझा. पार्टी मेरे सबसे आगे रहा, लेकिन मुझे अपमानित करके बसपा बसपा अध्यक्ष मायावती ने निकाल दिया. उन्होंने कहा कि मायावती ने मुझसे मेरा पक्ष नहीं पूछा और बसपा सुप्रीमो ने एकतरफा फैसला कर लिया.

राम अचल राजभर ने कहा कि जब बसपा ने मुझे निकाला, तो मुझे और लालजी वर्मा को कई जगह से ऑफर आया. विपक्षी पार्टी ने मुझे और लालजी वर्मा को सरकार में मंत्री बनाने का ऑफर दिया, लेकिन राम अचल राजभर किसी से बिका नहीं.

बताते चलें कि इसी साल जून में यूपी पंचायत चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण मायावती ने राम अचल राजभर और लालजी वर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया था. इसके बाद से ही यूपी में सियासी अटकलें तेज हो गई है.

Related Articles

1 Comment

Avarage Rating:
  • 0 / 10
  • प्रणय मेश्राम बसपा कार्यकर्ता , November 10, 2021 @ 8:18 am

    राम अचल राजभर ने अपने संबोधन में कहा की अखिलेश यादव कहेंगे की जमीन पर बैठो तब भी राम अचल जमीन पर बैठेगा, वे चुनाव मत लड़ो कहेंगे तो मैं चुनाव नही लडूंगा, एक सिपाही की तरह दलित पिछड़ा आरक्षण संविधान विरोधी मनुवादी अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने की कसम खाता हूं। समाजवादी पार्टी के नेता में वो आंबेडकरवाद देखते है। जिस पार्टी में वे पिछले 35 सालो से कई बार विधायक रहे हर बार कैबिनेट मंत्री रहे, प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय पदो पर रहे कई राज्यों के प्रभारी रहे पद पैसा प्रतिष्ठा मान सम्मान देने का काम जिस पार्टी और नेता ने दिया तो फिर ऐसा क्या हुवा की उस नेता ने आपको पार्टी से निकाल दिया? कुछ तो बात होंगी जनाब वर्ना ऐसे ही आपको बिना सफाई सुने पार्टी से बाहर नहीं किया गया होता। आपने भी तो बिना वक्त गवाए बड़ी जल्दी सपा ज्वाइन करने का फैसला किया। ओर अपनी ताकत सपा नेता को बताकर टिकट का दावा ठोक दिया, आपको पता है की सपा के पास भी अंबेडकर नगर से तगड़े दावेदार है। आपको शक है की कही आपको टिकट नही मिला तो आप धोबी के कुत्ते जैसे हो जाएंगे न घर के रहोंगे न घाट के। अच्छा होता की आप एक अनुशासित नेता की तरह सही वक्त का इंतजार करते दूध का दूध पानी का पानी हो जाता। जो आपके बारे में सपा नेता से मुलाकात के आरोप लग रहे थे वे अब पुख्ता सबूत के साथ सही हो गए। खैर आप बसपा के कई सालो तक वफादार सिपाही रहे है। आपका इस मिशन में योगदान को नकारा नहीं जा सकता, पर एक गलती हमारे सभी कामोंपर पानी फेर देती है। ये आपको इस गलती के बाद महसूस होंगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *