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Rajasthan : जय भीम लिखने पर दलित युवक को मंदिर में नाक रगड़ने को मजबूर किया, सात गिरफ्तार

Rajasthan : जय भीम लिखने पर दलित युवक को मंदिर में नाक रगड़ने को मजबूर किया, सात गिरफ्तार

राजस्थान के अलवर जिले में एक दलित युवक को कुछ लोगों ने मंदिर में नाक रगड़ने को मजबूर किया तथा उसके साथ मारपीट भी की। पुलिस ने इस मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। देश में जातिय आतंक की ये डरावनी तस्वीर है.

राजेश कुमार मेघवाल है ने 18 मार्च को फेसबुक पर कश्मीर फाइल्स इस फिल्म को लेकर एक टिप्पणी की थी। मेघवाल ने लिखा था, “मैंने फिल्म का ट्रेलर देखा। इस फिल्म में कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार को दिखाया गया है और इसे टैक्स फ्री किया गया है। यह ठीक है लेकिन दलितों और दूसरे समुदायों के खिलाफ भी अत्याचार होते हैं तो ऐसे में जय भीम जैसी फिल्मों को टैक्स फ्री क्यों नहीं किया जाता।” 32 साल के मेघवाल अलवर जिले के गोकलपुर गांव के रहने वाले हैं।

फिल्म पर मेघवाल की पोस्ट के जवाब में कुछ लोगों ने जय श्री राम और जय श्री कृष्ण लिखा। इन टिप्पणियों पर उसने कुछ टिप्पणियां कीं। हालांकि उसके बाद किसी की भावनाओं को ठेस ना पहुंचे इसके लिए दो बार माफी भी मांग ली थी। लेकिन कुछ स्थानीय लोगों ने उसे एक मंदिर में माफी मांगने के लिए मजबूर किया। उसे मंदिर ले जाया गया जहां उसकी नाक रगड़कर उससे माफी मांगने के लिए मजबूर किया गया.

घटना सोमवार की बहरोड़ थाना क्षेत्र की है जिसका वीडियो भी वायरल हुआ। मेघवाल एक निजी बैंक में काम करता है। पुलिस ने बताया कि भारतीय दंड संहिता और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मंगलवार रात 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

अधिकारी ने कहा, “वहां मौजूद कुछ लोगों ने उसे मंदिर में नाक रगड़ने के लिए मजबूर किया और उसने जैसा कहा गया, वैसा ही किया।” पुलिस ने जिन्हें गिरफ्तार किया गया है उनमें अजय कुमार शर्मा, संजीत कुमार, हेमंत शर्मा, परविंदर कुमार, रामावतार सिंह, नितिन जांगिड़ और दयाराम शामिल हैं।

भिवाडी के पुलिस अधीक्षक शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि 22 मार्च को राजेश मेघवाल ने इस मामले की रिपोर्ट की थी कि “मैंने एक पोस्ट फेसबुक पर डाली थी. मैं बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को मानता हूं. गांव के कुछ लोगों ने मोबाइल से कमेन्ट्स डाले और कुछ लोगों ने मुझे मारपीट की घमकी भी दी थी. दो तीन दिन से मुझे डराया धमकाया जा रहा था. 21 मार्च को मुझे गांव के लोगों ने मन्दिर पर बुलाया और मेरे से जबरन माफी मंगवाते हुए नाक रगड़वाई और जातिसूचक शब्दों से मुझे अपमानित किया और मारने की धमकी दी.”

मामला गंभीर होने के कारण भिवाड़ी पुलिस अधीक्षक शांतनु कुमार मौके पर पहुंचे थे और पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे। साथ ही मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मनुष्य को इस आजाद देश में अपने विचार रखने के पूरा अधिकार है। उसको कोई नहीं रोक सकता है। साथ ही लोगों को समाज में मिलजुल कर रहना चाहिए। अच्छे संस्कार ही आगे लेकर जाते हैं, इसलिए युवाओं से भी अपील है कि आप सब आजाद हैं, लेकिन इस तरह के गलत कार्य नहीं करने चाहिए।

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