मैं बुद्ध की धरती, भारत से आती हूं। रिलायंस इंडस्ट्रीज़ और मेट की पार्टनरशिप को आगे बढ़ाते हुए तथा ‘ट्री एंड सर्पेंट’ प्रदर्शनी को प्रस्तुत करते हुए मुझे गर्व की अनुभूति हो रही है। प्रारंभिक बौद्ध काल के 600 वर्षों की 125 से अधिक कलाकृतियां इस प्रदर्शनी में देखी जा सकेंगी। बुद्ध की सोच और भारतीय संस्कृति का गहरा संबंध है। बुद्ध के विचार आजतक दुनिया को प्रभावित कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि भारतीय संस्कृति की खूबियों को हम दुनिया तक पहुंचायें और दुनिया का सर्वश्रेष्ठ भारत तक लेकर आएं।
रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक एवं चेयरपर्सन नीता अंबानी की मदद से अमेरिका के प्रतिष्ठित मेट संग्रहालय में भारतीय इतिहास पर प्रदर्शनी का आरंभ हुआ. इस अवसर पर वो बात कर रही थी. इस प्रदर्शनी में भारत में प्रारंभिक बौद्ध काल के शुरुआती वर्षों से लेकर 600 वर्षो के शानदार सफ़र को यहां प्रदर्शित किया जाएगा। नीता अंबानी प्रतिष्ठित ‘द मेट’ संग्रहालय की पहली भारतीय ट्रस्टी हैं। इस समय नीता अंबानी ने ॥ बुद्धम् शरणम् गच्छामि ॥ का जयघोष भी किया.
प्रदर्शनी में ईसा से 200 वर्ष पूर्व से ईसा के 400 वर्ष बाद तक का भारतीय बौद्ध इतिहास दिखाया जायेगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज की मदद से लग रही ‘ट्री एंड सर्पेंट’ प्रदर्शनी का एक विशेष प्रिव्यू प्रोग्रम रखा गया, जिसमें नीतां अंबानी अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू, और ट्री एंड सर्पेंट के क्यूरेटर जॉन गॉय सहित कला जगत तथा कई अन्य क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल हुईं।
इस अवसर नीता अंबानी ने कहा- ‘‘मैं बुद्ध की धरती, भारत से आती हूं। रिलायंस इंडस्ट्रीज़ और मेट की पाटर्नरशिप को आगे बढ़ाते हुए तथा ‘ट्री एंड सर्पेंट’ प्रदर्शनी को प्रस्तुत करते हुए मुझे गर्व की अनुभूति हो रही है। प्रारंभिक बौद्ध काल के 600 वर्षों की 125 से अधिक कलाकृतियां इस प्रदर्शनी में देखी जा सकेंगी। बुद्ध की सोच और भारतीय संस्कृति का गहरा संबंध है। बुद्ध के विचार आजतक दुनिया को प्रभावित कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि भारतीय संस्कृति की खूबियों को हम दुनिया तक पहुँचाएं और दुनिया का सर्वश्रेष्ठ भारत तक लेकर आएं।”इस अवसर पर उन्होंने सभी लोगों से ‘बुद्धम शरणम गच्छामि’ के पवित्र मंत्र का जाप करने के लिए उनके साथ शामिल होने का अनुरोध किया।
मुकेश अंबानी की पत्नी प्रतिष्ठित ‘द मेट’ संग्रहालय की पहली भारतीय ट्रस्टी हैं। वर्ष 2019 में उन्हें मेट का ऑनररी ट्रस्टी बनाया गया था। तभी से विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए वह भारत की गौरवशाली कला परंपरा को दुनिया के सामने प्रस्तुत करती रहती हैं। द आटर् इंस्टिट्यूट ऑफ शिकागो में ‘गेट्स ऑफ द लॉडर्: द ट्रेडिशन ऑफ कृष्णा’ पेंटिंग्स जैसी प्रस्तुतियों को आगे बढ़ाना हो या फिर ‘द मेट’ में लगने वाली भारतीय कला प्रदर्शनियों की मदद करना।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैश्विक दर्शकों को भारतीय कला और संस्कृति से रूबरू कराने के लिए भी रिलायंस लगातार प्रयास करता रहता है। रिलायंस ने भारतीय कला और संस्कृति को आगे बढ़ावा देने के लिए हाल ही में ‘नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर’ देश को समर्पित किया था। जिसमें रोजाना पांच से छह हजार दर्शक विभिन्न कला और कलाकारों का हुनर देखने पहुंच रहे हैं।